मेरी सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: नीतीश
मेरी सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: नीतीश
(तस्वीरों के साथ)
पटना, 13 अप्रैल (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) की ओर से पटना में आयोजित ‘भीम संवाद’ में नीतीश ने समाज के सभी वर्गों के लोगों से शांति एवं सद्भाव के साथ एकजुट होकर रहने की अपील की।
आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नीतीश ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहने के दौरान बाबासाहेब के घर के अपने दौरे को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार दलितों, महादलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, मुस्लिम समुदाय और सवर्णों सहित समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। बाबासाहेब हमारे लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “जब मैं केंद्रीय मंत्री था, तब मैंने उनके घर जाकर उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। मैं समाज के सभी वर्गों के लोगों से शांति और सद्भाव के साथ एकजुट होकर रहने की अपील करता हूं।”
बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य और पार्टी के कई शीर्ष नेता मौजूद थे।
इस बीच, जदयू की गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बापू सभागार से कुछ ही दूरी पर स्थित ऐतिहासिक गांधी मैदान से ‘जय भीम’ पदयात्रा शुरू की।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा व कई अन्य पार्टी नेताओं ने इस पदयात्रा में हिस्सा लिया।
मांडविया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार को पटना में ‘माई भारत’ के छह हजार से अधिक युवा साथियों ने ‘जय भीम पदयात्रा’ निकाली। बाबासाहेब संविधान के निर्माता थे, उन्होंने भारत के मजबूत लोकतंत्र की नींव रखी।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उनके विचारों, दूरदर्शिता और सिद्धांतों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है और इसमें युवाओं की भागीदारी सबसे अहम है। इस पदयात्रा के जरिये हजारों युवा बाबासाहेब के विचारों से जुड़े।”
भाषा पारुल संतोष
संतोष

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