व्यवसायिक नैतिकता पर कभी समझौता न करें : उपराष्ट्रपति |

व्यवसायिक नैतिकता पर कभी समझौता न करें : उपराष्ट्रपति

व्यवसायिक नैतिकता पर कभी समझौता न करें : उपराष्ट्रपति

:   Modified Date:  April 7, 2024 / 10:02 PM IST, Published Date : April 7, 2024/10:02 pm IST

पटना, सात अप्रैल (भाषा) भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नेतृत्व में मूल मूल्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए युवाओं को प्रलोभनों और अनैतिक शॉर्टकट के आगे झुकने के प्रति आगाह करते हुए युवाओं से कहा कि नैतिकता से समझौता करने से आप उस तरह का विजेता नहीं बन सकते, जिसे दुनिया सलाम करेगी।

उपराष्ट्रपति आज आईआईएम बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

भारत की आर्थिक प्रगति की ऒर ध्यान आकर्षित करते हुए धनखड़ ने कहा की भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था के लिए आशा की नई किरण बन कर उभरा है।

देश की समृद्धि और संप्रभुता के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने नागरिकों से ‘‘स्वदेशी’’ और ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ को राष्ट्रीय आदत बनाने की अपील की।

उन्होंने अहा की ऐसा करने से हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।

उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि विश्व बैंक और आईएएफ जैसी संस्थाएं जो कभी हमें सलाह देती थीं, वो आज भारत के वित्तीय समावेशीकरण और डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत संरचना जैसी उपलब्धियों की सराहना करती हैं।

उन्होंने कहा कभी जिस विदेशी मुद्रा के लिए भारत को अपना सोना विदेशी बैंकों में गिरवी रखना पड़ा था, आज हमारे पास विदेशी मुद्रा का रिकॉर्ड भंडार है, भारत विदेशी निवेश का पसंदीदा केंद्र बन गया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विगत दस वर्षों के आर्थिक विकास ने युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराए हैं। आप सौभाग्यशाली है कि आप भारत-2047 की प्रगति यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं।

उन्होंने छात्रों को तेजी से बदलते विश्व में तेजी से बदलती तकनीक के कारण आने वाली चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसर मैं बदलने का आह्वाहन किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार क्वांटम कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित हाइड्रोजन जैसी नई टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की दिशा में कार्य कर रही है।

भाषा अनवर रंजन

रंजन

 

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