Chirag paswan on quit as minister: चिराग पासवान ने कहा ‘ छोड़ सकता हूं मंत्री पद, पिता की तरह सिद्धांतों के….

Chirag paswan statement on quit as minister: पिता की तरह सिद्धांतों के लिए मंत्री पद छोड़ सकता हूं: चिराग

Chirag paswan on quit as minister: चिराग पासवान ने कहा ‘ छोड़ सकता हूं मंत्री पद, पिता की तरह सिद्धांतों के….

Chirag Paswan on NEET paper leak

Modified Date: October 1, 2024 / 03:39 pm IST
Published Date: October 1, 2024 3:09 pm IST

पटना:  Chirag paswan on quit as minister केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वह अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित मिसाल को ध्यान में रखते हुए अपने सिद्धांतों से समझौता करने के बजाय मंत्री पद छोड़ना पसंद करेंगे। उनके इस बयान से हलचल मच गई है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने यहां सोमवार शाम पार्टी के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के एक समारोह में यह टिप्पणी की और यह भी कहा, ‘‘जब तक नरेन्द्र मोदी मेरे प्रधानमंत्री हैं, तब तक हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में रहेंगे।’’

उनकी टिप्पणी कि ‘‘मैं अपने पिता की तरह मंत्री पद छोड़ने में संकोच नहीं करूंगा’’ के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चिराग ने दावा किया कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के बारे में बोल रहे थे।

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उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता भी संप्रग सरकार में मंत्री थे। और उस समय बहुत सी ऐसी चीजें हुईं जो दलितों के हितों में नहीं थी। यहां तक ​​कि बाबा साहब आंबेडकर की तस्वीरें भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं लगाई जाती थीं। इसलिए हमने अपने रास्ते अलग कर लिए।’’

चिराग पासवान के बारे में माना जाता है कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने पिता को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए सहमत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए पासवान ने कहा कि मौजूदा सरकार दलितों के बारे में उनकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील रही है और उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए नौकरशाही में ‘क्रीमी लेयर’ और ‘लेटरल एंट्री’ (सीधी भर्ती) पर केंद्र के रुख का उदाहरण दिया।

हालांकि, राजग और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सूत्रों का मानना ​​है कि पासवान के भाषण में बाद में दिए गए उनके स्पष्टीकरण से कहीं अधिक बयानबाजी थी।

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दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों के सूत्रों का यह भी मानना ​​है कि चिराग के पिता के इस्तीफे का मुद्दा उठाना कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के लिए शर्मिंदगी की बात है, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान ही रामविलास पासवान ने गुजरात के 2002 के दंगों के विरोध में अपना कैबिनेट पद छोड़ दिया था। इसके बाद वह संप्रग में शामिल हो गए और पांच साल तक मंत्री पद पर रहे।

रामविलास पासवान 2009 में अपनी लोकसभा सीट हार गए और मनमोहन सिंह के दूसरे मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली।

सूत्रों का यह भी मानना ​​है कि राहत कार्यों की निगरानी के लिए बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे चिराग पासवान अपना जनाधार मजबूत करने और भाजपा की छाया से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके अलावा, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि चिराग पासवान ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नेतृत्व को यह जताने की कोशिश की है कि वह अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ भाजपा नेतृत्व की नजदीकियों से खुश नहीं हैं। पारस ने चिराग के दिवंगत पिता की लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ दिया था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com