राजग और ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे पर मंथन जारी, प्रशांत किशोर का राघोपुर से चुनाव अभियान शुरू
राजग और ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे पर मंथन जारी, प्रशांत किशोर का राघोपुर से चुनाव अभियान शुरू
पटना, 11 अक्टूबर (भाषा) आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जहां भाजपा नीत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं जन सुराज पार्टी ने बढ़त बनाए रखी है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के गृह क्षेत्र राघोपुर से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री मंगल पांडे इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं, जहां वे शीर्ष नेताओं और सहयोगी दलों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।
जायसवाल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर सीट बंटवारे को लेकर काल्पनिक आंकड़े प्रसारित किए जा रहे हैं। हमारे सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने इस पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। स्पष्ट कर दूं कि बातचीत अभी जारी है और घोषणा कल तक होने की संभावना है।”
राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दी थी जिनमें कहा गया था कि उनकी पार्टी को 243 सदस्यीय विधानसभा में एकल अंक यानी 10 से कम सीट दी जा सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा को लगभग बराबर सीट 101 से 102 तक मिल सकती हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को लगभग 30 सीट मिलने की संभावना है।
राजग के एक अन्य घटक जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के लिए “कम से कम 15 सीट” मांग रहे हैं, उन्हें सात-आठ सीटों पर समझौता करने को कहा गया है।
जब जायसवाल से पूछा गया कि घोषणा दिल्ली में होगी या पटना में, उन्होंने कहा, “हम अपने सहयोगियों से चर्चा करेंगे। कई नेता अपने-अपने क्षेत्रों में हैं। जिन नेताओं की उपस्थिति जरूरी होगी, उनकी सुविधा को देखते हुए स्थान तय किया जाएगा।”
इधर, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने दिनभर मुख्यमंत्री के साथ बैठकें की और पूर्व सांसद अरुण कुमार को पार्टी में पुनः शामिल कराया। वह शाम को दिल्ली रवाना हो गए।
दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में झा ने तेजस्वी यादव के “हर घर से एक सरकारी नौकरी” के वादे का मजाक उड़ाते हुए कहा, “क्या दुनिया में कोई अर्थशास्त्री इस योजना को व्यवहारिक मानेगा?”
उन्होंने आरोप लगाया, “यह वादा राजद के नेतृत्व वाले विपक्ष की हताशा का परिणाम है, जो पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव और हालिया उपचुनावों में राजग से पिछड़ गया था।”
राजद सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “अरुण कुमार को दोबारा जदयू में शामिल कर एक कड़वी गोली निगली है।”
पिछले एक सप्ताह में राजद ने जदयू के कई प्रभावशाली भूमिहार नेताओं को अपने पाले में किया है, जिनमें परबत्ता के विधायक संजीव कुमार और घोसी के पूर्व विधायक राहुल शर्मा शामिल हैं। राहुल शर्मा के पिता, जगदीश शर्मा, इस सीट से आठ बार विधायक रह चुके हैं।
शनिवार सुबह अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा इस सीट से लोकगायिका मैथिली ठाकुर को प्रत्याशी बना सकती है।
शुक्रवार को राहुल शर्मा के साथ-साथ चाणक्य प्रकाश रंजन ने भी तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद की सदस्यता ली। रंजन के पिता गिरधारी यादव अब भी जदयू के सांसद हैं।
इसी तरह कुछ दिन पहले मधुबनी जिले के लौकहा विधायक लक्ष्मेश्वर राय ने भी राजद में शामिल होने की घोषणा की थी, जबकि भागलपुर के गोपालपुर से विधायक गोपाल मंडल ने भी ऐसा संकेत दिया है।
इन घटनाक्रमों से लालू प्रसाद के आवास पर चहल-पहल बढ़ गई है। मुख्यमंत्री आवास के ठीक सामने स्थित उनके बंगले के बाहर पूरे दिन टिकट के दावेदारों की लंबी कतार लगी रही।
वहीं, प्रशांत किशोर का दावा है कि “जन सुराज पार्टी ही अब तक 51 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है” और वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उनकी नवगठित पार्टी पिता-पुत्र की जोड़ी (लालू-तेजस्वी) को कड़ी चुनौती देगी।
राघोपुर से अभियान की शुरुआत करते हुए किशोर ने तेजस्वी यादव के “एक से अधिक सीट से चुनाव लड़ने” की अटकलों पर टिप्पणी की, “शायद उनका हश्र उनके सहयोगी राहुल गांधी जैसा होगा, जो 2019 में वायनाड से तो जीत गए लेकिन अपनी पारंपरिक अमेठी सीट हार गए।”
भाषा कैलाश
राजकुमार
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