केंद्र के समक्ष भोजपुरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की लंबित मांग उठाएगी राज्य सरकार – नीतीश

केंद्र के समक्ष भोजपुरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की लंबित मांग उठाएगी राज्य सरकार - नीतीश

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Modified Date: November 29, 2022 / 02:52 PM IST
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Published Date: February 21, 2022 11:16 pm IST
केंद्र के समक्ष भोजपुरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की लंबित मांग उठाएगी राज्य सरकार – नीतीश

पटना, 21 फरवरी (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पडो़सी राज्य झारखंड की सरकार के धनबाद और बोकारो जिलों की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी और मगही को हटाने के हालिया फैसले को गलत ठहराते हुए सोमवार को कहा कि उनकी सरकार भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अपनी पुरानी मांग को फिर से उठाएगी ताकि इसे राजभाषा का दर्जा मिल सके ।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा कि भोजपुरी सिर्फ बिहार की ही नहीं है यह उत्तरप्रदेश और झारखंड में भी बोली जानेवाली भाषा है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी का बड़ा एरिया है, इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व भी है और अभी झारखण्ड में जो हुआ वो बहुत गलत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बार बार कह रहे हैं कि भोजपुरी सिर्फ बिहार की ही भाषा नहीं है। भोजपुरी उत्तरप्रदेश में भी है और झारखण्ड में तो है ही। बिहार झारखण्ड तो पहले एक ही था। छत्तीसगढ़ में भी कई लोग यह भाषा बोलते हैं।’’

नीतीश ने कि ‘‘हम पिछले कई सालों से केंद्र सरकार से भोजपुरी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। राज्य मंत्रिपरिषद ने 2017 में इस संबंध में केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। हम जल्द ही भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की इस मांग को फिर से उठाएंगे । ’’

भाषा अनवर रंजन

रंजन

 

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