पटना, छह दिसंबर (भाषा)केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने शनिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की बिहार की राजनीति से ‘अनुपस्थिति’ दर्शता है कि उनका राज्य की जनता से कोई सरोकार नहीं है।
राय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति से गायब हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में बिहार विधानसभा सत्र में ठीक से हिस्सा नहीं लिया। इस समय राज्य छोड़कर जाने का उनका निर्णय दिखाता है कि उनका बिहार या यहां की जनता से कोई लेना-देना नहीं है।’’
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक से पांच दिसंबर के बीच 18वीं बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं हुए।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यादव पर कोविड-19 महामारी, बाढ़ आदि जैसे संकटों के समय भी राज्य को छोड़कर जाने का आरोप लगाया।
राय ने कहा कि तेजस्वी यादव “जानते हैं कि लोगों का राजद, कांग्रेस और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) पर से विश्वास टूट गया है, क्योंकि लोग परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति में उलझे गठबंधन की चाल को समझ गए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा, “यही कारण है कि वह (तेजस्वी) इस समय राज्य छोड़कर चले गए हैं।”
भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “दूरदर्शी नेतृत्व” की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय तथा समानता सुनिश्चित हुई है।
राय ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के प्रयासों ने 30 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है, और ये लोग अब उन्हें अपना मसीहा मानते हैं।
भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के उस वादे की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने अयोध्या की बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बनाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा, “हुमायूं कबीर का यह दावा बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अगर कोई हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों को तोड़ने वाले किसी आक्रांता के नाम पर मस्जिद बनाने का वादा करता है, तो यह सही नहीं है। भारत में मस्जिद बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बाबर के नाम पर मस्जिद पर घोर आपत्ति है।’’
भाषा
खारी धीरज
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