ऐसी व्यवस्था बनाने का लक्ष्य कि लोगों का काम आसानी से होता रहे: विजय कुमार सिन्हा

ऐसी व्यवस्था बनाने का लक्ष्य कि लोगों का काम आसानी से होता रहे: विजय कुमार सिन्हा

ऐसी व्यवस्था बनाने का लक्ष्य कि लोगों का काम आसानी से होता रहे: विजय कुमार सिन्हा
Modified Date: December 22, 2025 / 07:06 pm IST
Published Date: December 22, 2025 7:06 pm IST

पटना, 22 दिसंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को कहा कि भूमि सुधार जनकल्याण संवाद महज एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने, समझने और नियम सम्मत समाधान सुनिश्चित करने का गंभीर प्रयास है।

सिन्हा ने कहा कि उनका उद्देश्य ऐसी व्यवस्था बनाना है कि लोगों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान सुचारु रूप से होता रहे।

सिन्हा ने मुजफ्फरपुर स्थित बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर के श्रीकृष्ण सिंह प्रेक्षागृह में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहल का मकसद जमीन से जुड़ी वास्तविक समस्याओं पर प्रतिक्रिया लेकर प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करना है।

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उन्होंने सरकारी जमीन की जमाबंदी निजी नाम से कराने वालों की जानकारी देने वाले लोगों को भी विभाग द्वारा सम्मानित करने की घोषणा की।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आम लोगों की सबसे अधिक शिकायतें दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस और ई-मापी से जुड़ी हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों का निपटारा अगले 15 दिनों के भीतर किया जाए, ताकि जनकल्याण संवाद में लोगों को इन समस्याओं को लेकर परेशान न होना पड़े।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की कार्यव्यवस्था के केंद्र में बिहार की जनता है और उन्हें पारदर्शी, जिम्मेदार व ईमानदार व्यवस्था देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

सिन्हा ने कहा कि किसी भी प्रकार के एजेंट, बिचौलिये या भू-माफिया की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सही अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक किसी भी परिस्थिति में पीड़ित नहीं होंगे जबकि गलत करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय में देरी भी अन्याय के समान है, जिससे असंतोष और अराजकता की स्थिति पैदा होती है तथा सरकार का उद्देश्य इसी स्थिति को समाप्त करना है।

उन्होंने क्षेत्रीय पदाधिकारियों से कहा कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों का समय-सीमा के भीतर निष्पादन सुनिश्चित किया जाए, ताकि त्रुटिरहित और समयबद्ध जमाबंदी हो सके तथा किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके।

भाषा कैलाश जितेंद्र

जितेंद्र


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