राजद के साथ ‘सौदे’ की सच्चाई जानना चाहते हैं उपेन्द्र कुशवाहा

राजद के साथ ‘सौदे’ की सच्चाई जानना चाहते हैं उपेन्द्र कुशवाहा

राजद के साथ ‘सौदे’ की सच्चाई जानना चाहते हैं उपेन्द्र कुशवाहा
Modified Date: January 27, 2023 / 04:15 pm IST
Published Date: January 27, 2023 4:15 pm IST

(फोटो के साथ)

पटना, 27 जनवरी (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) के संसदीय बोर्ड के बागी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को मांग की है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच कथित ”सौदे” के बारे में सच सामने आना चाहिए और उन्होंने अफवाहों का दौर खत्म करने के लिए पार्टी की तत्काल बैठक की भी मांग की।

विधान पार्षद कुशवाहा ने यहां अपने आधिकारिक आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि वह जद (यू) सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ देंगे, क्याकि पार्टी के सर्वोच्च नेता कुमार ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि मैंने तीन बार पार्टी छोड़ी है और मैं अपनी मर्जी से वापस आया हूं। मुझे उन्हें अवश्य सही बताना चाहिए। मैं अलग हुआ हूं, लेकिन केवल दो बार लौटा हूं। मेरी पहली वापसी 2009 में हुई थी जब कुमार ने एक सार्वजनिक समारोह में मुझसे लौटने का अनुरोध किया था। वर्ष 2021 में मेरी वापसी फिर से असहाय कुमार के अनुरोध के बाद हुई थी, जो उस समय तक बहुत कमजोर हो चुके थे।’’ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का विलय दो साल पहले जद (यू) में हुआ था।

जद (यू) नेता ने कुमार को विधानसभा के पटल पर तेजस्वी यादव द्वारा व्यक्तिगत अपमान की याद दिलाने की भी कोशिश की, जब यादव विपक्ष के नेता थे।

कुशवाहा ने खुद का बचाव करते हुए कहा, ‘‘मैं कुमार की इच्छा के अनुसार पार्टी के मंच पर अपनी चिंताओं को उठाने के लिए तैयार हूं, बशर्ते मेरी एक बात मानी जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से मैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने की मांग करता रहा हूं। हमारे पास चर्चा करने के लिए मुद्दे हैं। पार्टी कमजोर हो रही है। अफवाह यह है कि राजद के साथ किसी तरह का समझौता हुआ है। इस पर पार्टी फोरम में चर्चा होनी चाहिए।’’

यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बिहार की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भविष्य में किसी भी वक्त यादव को सब कुछ सौंपकर अपनी ऊर्जा राष्ट्रीय राजनीति में लगाने को तैयार हो गये हैं।

कुशवाहा ने आरोप लगाया, ‘‘मेरे सामने एक ही विकल्प था- सीधे मुख्यमंत्री से बात करना। मैं दिसंबर के तीसरे हफ्ते में पार्टी की कमजोरियों को उजागर करने के लिए उनसे मिला था। उन्होंने मुझे यह कहकर झिड़क दिया कि क्या मैं भाजपा से हाथ मिलाने के बारे में सोच रहा हूं।’’

जद (यू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कुमार के बार-बार यह कहे जाने पर पर प्रतिक्रिया दी कि कुशवाहा ‘‘जितनी जल्दी हो सके, जहां भी जाना चाहते हैं, जाने के लिए स्वतंत्र हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस संगठन के साथ अपने पिछले अवतार ‘समता पार्टी’ के साथ हूं। मैं सिर्फ इसलिए पार्टी नहीं छोड़ूंगा कि मुझे ऐसा करने के लिए कहा जा रहा है।’’

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश


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