JDU और RJD का होगा विलय? सामाजिक न्याय के नारे पर शुरू हुई चर्चा |

JDU और RJD का होगा विलय? सामाजिक न्याय के नारे पर शुरू हुई चर्चा

जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट से इन अटकलों को और हवा मिल गई है। ललन सिंह ने अपने पोस्ट में सामाजिक न्याय का नारा दिया जो कि अक्सर आरजेडी का हुआ करता है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 04:52 AM IST, Published Date : October 31, 2022/1:17 pm IST

JDU and RJD merger : पटना। बिहार की राजनीति में बड़े ​परिवर्तन की चर्चा हो रही है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के विलय के कयास लग रहे हैं। दोनों पार्टियों के सुर में सुर मिलते नजर आ रहे हैं। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट से इन अटकलों को और हवा मिल गई है। ललन सिंह ने अपने पोस्ट में सामाजिक न्याय का नारा दिया जो कि अक्सर आरजेडी का हुआ करता है।

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बता दें कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के 19वें स्थापना दिवस पर ट्विटर पर पोस्ट कर बधाई दी। उन्होंने लिखा कि जनता दल (यूनाइटेड) के 19वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर बिहार एवं देशभर के कार्यकर्ता और नीतीश कुमार को बधाई, आभार एवं शुभकामनाएं। सब मिलकर ‘सामाजिक न्याय के साथ विकास’ की त्वरित गति में बिहार को विकसित प्रदेश बनाकर रहेंगे।

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गौरतलब है कि जनता दल के शरद गुट और समता पार्टी के विलय के बाद 30 अक्टूबर 2003 में जेडीयू का गठन हुआ था। उसके बाद नीतीश कुमार इस पार्टी के सर्वेसर्वा बन गए। जेडीयू सुशासन और विकास का नारा देकर बिहार की सत्ता पर काबिज हुई और तब से नीतीश इसी नारे के साथ राजनीति कर रहे हैं। अब जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने नारे में विकास के साथ सामाजिक न्याय को भी शामिल कर लिया है।

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आरजेडी-जेडीयू को होगा विलय?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि आरजेडी और जेडीयू का विलय होगा। सीएम नीतीश और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी-अपनी पार्टियों का विलय करके एक नए मजबूत दल का निर्माण कर सकते हैं, जो बिहार ही नहीं बल्कि देशभर में बीजेपी को चुनौती देगा। हालांकि, अभी तक दोनों पार्टियों की ओर से इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि अंदरखाने विलय पर बात चल रही है। दोनों ही दल एक नए नाम और नए निशान के साथ नई पार्टी के रूप में सामने आ सकते हैं।