ये बात उस वक्त की है.. जब राहु और केतु चिल्ड सोमरस पान कर लंबे लेटे हुए थे… अचानक बादलों में हाथपाई हो गई.. लड़ाई की वजह थी.. बार गर्ल बिजली के ठुमके … बाद में ईव टीजिंग का मामला भी सामने आया..इस आसमानी कांड के बीच ही धरती के किसी कोने में एक अवतार हुआ.. जो वैसे तो एक है.. पर है अनेक.. धरतीवासियों ने प्यार से उसका नाम रखा- बक-LOL.. अब इसका मतलब न पूछे तो बेहतर है। समय के साथ यही बक- LOL दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट क्रिएटर बना । अब बक-LOL की डायरी के पन्नों से गाहे- बगाहे आप भी रूबरू होंगे ।
अइयो स्टालिन के बेटे ने ये क्या क्यूटियापा कर दिया जी.. साफ करना ही था तो.. अपना चेहरा साफ कर लेता… फिटे-मुह.. सनातन को कइसे साफ करोगे तुम.. उससे पहले अपने दिमाग के जाले साफ करो यार…. भाई का एटिट्यूड देख लो… बोल दिया तो बोल दिया.. खुद को मिर्जापुर के कालीन भइया समझ लिए का बुड़बक… वैसे इस बार बुरे फंस गए बच्च.. समझ लो तुम… जिस ब्रिगेड के पल्ले इस बार पड़े हो ना.. वो तुम्हें खामखां पेलेंगे नहीं.. बल्कि गन्ने की तरह पेरेंगे बेटा छिलका उतरते तक.. FIR का अइसा ताना-बाना खिचेंगे कि … कोर्ट-कचहरी के चक्कर में तुम्हारी चप्पलें घिस जाएंगी.. हो सकत है अभे ही ED तुम्हरे दरवज्जे की पौ-बारह कर दे और बच गए बेटे तो मुष्टिक प्रहार का खतरा दायें-बायें घूमता रहेगा.. आग से खेला है तुमने.. सर तन से जुदा न होगा.. पर सिर पर सौ मन बोझ लिए घुमोगे रज्जा..।
लघुझन्नागिरी की हद कर दी तुमने तो.. डेंगू मल्लब सनातन.. तुम कहां से लाए ये दूर की कौडी….बेशक बढ़के फेंको.. लपेट के दो.. पर लिमिट भी कोई चीज है भाई.. और डेंगू से तुलना.. सोचकर देखो.. इतने बड़े बल्लम तो तुम्हारे दादाश्री भी नहीं थे.. फिलिम बनाते-बनाते खुद को फायर समझ लिया क्या … इस बार ये जो लूप-लपेटा किया है न.. वो अइसा घनचक्कर करेगा तुम्हें.. कि तुम्हारे उदय से निधि निकल जाएगी.. ये लिख लो… वैसे काउंसलिंग चइए तो आओ कभी हवेली में.. सूत- सूत के धागा न बना दे तो कहना.
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