50% तक बढ़ सकता है अग्निवीरों की स्थायी नौकरी का कोटा

अग्निपथ योजना: 50% तक बढ़ सकता है अग्निवीरों की स्थायी नौकरी का कोटा, रक्षामंत्री कल बताएंगे फायदे

अग्निपथ योजना: अग्निवीर का स्थायी नौकरी कोटा 50% बढ़ सकता है, रक्षा मंत्री कल बताएंगे Agniveer job quota may increase by 50%

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 11:12 AM IST, Published Date : June 22, 2022/1:16 pm IST

Agneepath Scheme : नई दिल्ली। 14 जून को लांच किये गए ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर पूरे देशभर में बवाल मचा हुआ है। देश के कई राज्यों में हो रहे हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार इस योजना में नए-नए बदलाव कर रही है। अगर आप सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 25% अग्निवीरों को स्थायी नौकरी देने की सीमा में चरणबद्ध तरीके से विस्तार किया जाएगा। पहले दो साल में सैन्य एनरोलमेंट के लिए आए अग्निवीरों के प्रदर्शन को देखते हुए इस कोटे को हर साल बढ़ाया जाएगा और 50% तक ले जाया जा सकता है। अच्छी बात ये है कि थल सेना ने प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। फिलहाल वायु सेना और नौसेना की मंजूरी बाकी है। इन दोनों सैन्य बलों में तकनीकी रूप से दक्ष मैनपावर की ज्यादा जरूरत है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ गुरुवार को सैन्य भर्ती प्रक्रिया के फायदों में विस्तार की जानकारी सार्वजनिक कर सकते हैं। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को तीनों सैन्य प्रमुखों को बुलाकर योजना से जुड़े पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।

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सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

अग्निपथ योजना पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। अब ऐसी तीन याचिकाएं हाे गई हैं। वहीं, केंद्र ने इन याचिकाओं पर काेई भी फैसला लेने से पहले उसका पक्ष सुने जाने के लिए कोर्ट में कैविएट दायर की है। एक याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने तत्काल सुनवाई की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस पर सीजेआई फैसला करेंगे। उधर, सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया गया है। पारंपरिक रेजीमेंट सिस्टम वही है।

25 साल से लंबित थी यह योजना

अग्निपथ पर विरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना ने मंगलवार काे फिर इसकी खूबियां गिनाईं। डोभाल ने कहा, इसकी मांग 22-25 साल से लंबित थी। भविष्य की जरूरतें देखते हुए फैसले लेने पड़ते हैं। सैन्य प्रशिक्षण से अग्निवीराें का समाज में सम्मान बढ़ेगा। देश में माहौल बदल रहा है। देश की सुरक्षा व सेना को विश्वस्तरीय बनाना प्राथमिकता है।

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इन देशों में होता रहा है

बता दें रूस अनुबंध शुरू करने की उम्र 18 वर्ष, सेना में अनिवार्य सेवा 1 साल, कुल अनुबंध सेवा 3 साल, ट्रेनिंग 3-6 माह। इसमें से दो तिहाई या एक तिहाई लाेगों की ही स्थायी भर्तियां की जाती हैं। वहीं चीन में अनुबंध शुरू करने की उम्र 18 वर्ष, सेना में अनिवार्य सेवा 2 साल, ट्रेनिंग 6 माह। स्थायी भर्ती दो तिहाई या एक तिहाई है। इसके साथ ही इजरायल में अनुबंध की उम्र 18 वर्ष, पुरुष के लिए अनिवार्य सेवा 3 साल, महिलाओं के लिए 2 साल, ट्रेनिंग 4 माह। इसमें से दो तिहाई या एक तिहाई लोगों को स्थायी भर्ती में जगह दी जाती है।

250 बैठकों और करीब 750 घंटे विचार-विमर्श के बाद बनी योजना

कहा जा रहा है कि देश में इस योजना को लेकर सबसे बड़ी आलोचना इस बात से हो रही है कि अग्निपथ योजना जल्दबाजी में घोषित की गई। इसके लिए पर्याप्त विचार-विमर्श नहीं हुआ। इस पर रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे पर सेनाओं, रक्षा मंत्रालय और सरकार के दूसरे विभागों में 250 बैठकें हुईं और करीब 750 घंटे तक विचार-विमर्श के दौर चले। सेनाओं में 150 बैठकें हुईं। 500 घंटे मंथन हुआ। रक्षा मंत्रालय में 60 बैठकें की गईं और 150 घंटे विचार-विमर्श चला। अन्य सरकारी विभागों की 44 बैठकें हुईं और 100 घंटे मंथन हुआ।

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