किसान आंदोलनः टिकैत के बयान से किसान संगठनों में पड़ी दरार ? किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा ये टिकैत की निजी राय
किसान आंदोलनः टिकैत के बयान से किसान संगठनों में पड़ी दरार ? किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा ये टिकैत की निजी राय
नई दिल्ली। किसान संगठनों के हालिया बयान से ऐसा लग रहा है जैसे कि किसान आंदोलन को लेकर किसान संगठनों के बीच दरार पड़ गई है। क्या राकेश टिकैत से बाकी किसान नेता नाराज चल रहे हैं? राकेश टिकैत के 2 अक्टबूर तक आंदोलन के अल्टीमेटम वाले बयान को लेकर किसानों के बीच नाराजगी की खबर है। एक रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड किसान फ्रंट ने टिकैत के बयान को लेकर कहा कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती, आंदोलन चलता रहेगा।
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किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूणी ने राकेश टिकैत पर हमला बोलते हुए कहा कि 2 अक्टूबर तक आंदोलन जैसे बयानों से उन्हें केवल हंसी आती है। चड़ूनी ने कहा कि यह बयान राकेश टिकैत का निजी बयान है और किसानों की मंशानुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि वो समझते हैं कि किस दवाब में टिकैत ने ऐसा बयान दिया होगा। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 79वां दिन है। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों को बीच अब तक कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया है।
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इसके पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के अलवर में कहा, ‘केंद्र सरकार उनकी संम्पति का सही आंकलन नहीं करवा पाई है। उनकी संपत्ति के आंकलन के लिए टीम लगानी पड़ेगी।’ उन्होंने कहा कि हमारी आगे की रणनीति होगी कि अनाज को कम कीमत पर नहीं बिकने देंगे। जो एमएसपी है उस से कम पर खरीद नहीं होगी। किसान मोर्चें ने तय कर लिया है कि व्यापारी भूख पर कीमतें तय नहीं करेगा। आम जनता की अनाज और रोटी तिजोरी में बंद नहीं होगी।
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गौरतलब है कि किसान संगठनों ने 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ’रेल रोको’ अभियान ऐलान किया है। किसानों ने 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में 14 फरवरी को एक मोमबत्ती मार्च निकालने का भी फैसला किया है।

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