Diwali 2022 : दिवाली पर करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा, यहां देखें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट, होगी धनवर्षा
Diwali 2022 : हिंदू धर्म में दिवाली पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व का हर एक दिन खास होता है।
Diwali 2022
Diwali 2022 : दीपों का उत्सव यानी दीपावली या दिवाली अधर्म पर धर्म के विजय के उल्लास में मनाई जाती है। कार्तिक अमावस्या तिथि को लोग अपने घरों में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और दीया जलाते हैं। छोटे-छोटे दीये जलाकर अंधकार को मिटाकर रोशनी लाने का यह उत्सव पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। हिंदू, जैन, सिख समेत कई अन्य समुदायों के लिए दिवाली का त्योहार नए साल की शुरुआत के तौर पर आता है। व्यापार और कारोबार के नजरिये से दिवाली बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Diwali 2022 : हिंदू धर्म में दिवाली पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व का हर एक दिन खास होता है। धनतेरस से शुरू हुआ ये त्योहार भैया दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा करने से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और धन धान्य की बढ़ोतरी होती है। अगर आप भी इस बार दिवाली में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा विधिवत तरीके से कर रहे हैं, तो यह सामग्री पहले से खरीद लाएं, जिससे उस वक्त किसी चीज की कमी न हो।
दिवाली 2022 पूजन सामग्री
- गणेशजी की मूर्ति
- लक्ष्मी जी की मूर्ति
- मां सरस्वती की तस्वीर
- चांदी का का सिक्का
- फूल
- गुलाब एवं लाल कमल
- चंदन
- सिंदूर, कुमकुम
- केसर
- पांच यज्ञोपवीत
- चावल
- अबीर
- गुलाल
- हल्दी
- सोलह श्रृंगार का सामान (चूड़ी, मेहंदी, पायल, बिछिया, काजल, बिंदी, कंघा)
- 5 सुपारी
- 5 पान के पत्ते
- छोटी इलायची
- लौंग
- मौली या कलावा
- फूलों की माला
- तुलसी दल
- कमलगट्टे
- साबुत धनिया
- कुशा और दूर्वा
- आधा मीटर सफेद कपड़ा
- आधा मीटर लाल कपड़ा
- दीपक
- बड़े दीपक के लिए तेल
- नारियल
- पंच मेवा (मखाना, किशमिश, छुहारा, बादाम, काजू आदि)
- गंगाजल
- पंचामृत (शहद, दूध, शक्कर, दही, गंगाजल, दूध)
- शुद्ध घी
- मौसम के हिसाब से फल ( गन्ना, सिंघाड़े आदि)
- नैवेद्य
- मिठाई
- इत्र की शीशी
- लकड़ी की चौकी
- पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
- लक्ष्मीजी और गणेश जी को अर्पित करने के लिए वस्त्र
- जल कलश तांबे , मिट्टी या पीतल का
- बही-खाता, स्याही की दवात
- हल्दी की गांठ
- खील-बताशे
- कपूर
- जल के लिए लोटा
- बैठने के लिए आसन
- आम का पत्ता

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