MP Assembly Elections 2023: इस वर्ग को साध लिया तो जीत जाएंगे मध्य प्रदेश, जानें क्या कहता है एमपी का चुनावी गणित

MP Assembly Elections 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस में घोषणाओं की झड़ी लगा दी है।

MP Assembly Elections 2023: इस वर्ग को साध लिया तो जीत जाएंगे मध्य प्रदेश, जानें क्या कहता है एमपी का चुनावी गणित

CG Assembly Election-2023

Modified Date: October 16, 2023 / 08:31 pm IST
Published Date: October 16, 2023 8:31 pm IST

विवेक पटैया की रिपोर्ट

भोपाल : MP Assembly Elections 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस में घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। उधर लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है। यह बिल अब कानून बन गया है, लेकिन इस बिल के अनुसार चुनाव 2028 के परिसीमन के बाद ही होंगे। मप्र में पिछले चार दशक में हुए विधानसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों की भागीदारी पर नजर डालें महिला सशक्तिकरण का ढिंढोरा पीटने वाले सियासी दलों की पोल खुलती है। महिला भागीदारी आंकड़ा 11 फीसदी से कम ही रहा, लेकिन मतदाताओं में महिलाओं का हिस्सा 47 फीसदी रहा है।

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MP Assembly Elections 2023:  वैसे तो महिलाओं को आधी आबादी के तौर पर पेश किया जाता है लेकिन चुनावों में मतदाओं के तौर पर महिलाओं को अहमियत कम ही मिलती है लेकिन वोटरों महिला वोटरों की बढ़ती संख्या से अब चुनावी राजनीति में महिलाओं को भी अहमियत मिलने लगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये आधी आबादी अब सत्ता बनाने या सत्ता से बेदखल करने का दमखम भी रखती है। शायद यही वजह है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में महिलाओं को साधने में बीजेपी और कांग्रेस लगे हुए है। यही नहीं केंद्र की मोदी सरकार ने भी मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के चुनाव के पहले महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम बनाकर आधी आबादी को साधने की कोशिश की है। लेकिन चौकाने वाले आकड़े बताते है कि आधी आबादी का वोट लेने वाली सियासी पार्टियों ने हमेशा महिलाओं को सियासत में प्रतिनिधित्व देने में कंजूसी दिखाया है। मप्र में पिछले चार दशक में हुए विधानसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों की भागीदारी पर नजर डालें महिला भागीदारी का आंकड़ा 11 फीसदी से भी कम ही रहा है लेकिन मतदाताओं में महिलाओं का हिस्सा 47 फीसदी रहा है।

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मध्यप्रदेश में 1985 से 2018 तक हुए विधानसभा चुनावों के आकड़े

  • वर्ष 1985 में 2374 पुरुष प्रत्याशी और 76 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 03.20 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 31 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 1990 में 4066 पुरुष प्रत्याशी और 150महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 03.68 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 11 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 1993 में 3565 पुरुष प्रत्याशी और 164 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 04.60 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 12 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 1998 में 2329 पुरुष प्रत्याशी और 181 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 07.77 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 26 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 2003 में 1972 पुरुष प्रत्याशी और 199 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 10.09 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 19 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 2008 में 2953 पुरुष प्रत्याशी और 226 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 07.65 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 25 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 2013 में 2383 पुरुष प्रत्याशी और 200 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 08.39 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 30 महिला चुनाव जीती थी।
  • वर्ष 2018 में 2649 पुरुष प्रत्याशी और 250 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे यानी महज 09.43 फीसदी महिला मैदान में थी इनमे 17 महिला चुनाव जीती थी।

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मध्यप्रदेश में 2003 से 2018 तक वोटिंग प्रतिशत

MP Assembly Elections 2023:  वहीं प्रदेश में महिला वोटरों की संख्या की बात करें तो 2013 के बाद से लगातार महिला वोटर और उनका वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ाता जा रहा है। 2003 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों ने 74.84 फीसदी वोटिंग की थी तो 74.58 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों ने 81.07 फीसदी वोटिंग की थी तो 79.21 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों ने 83.59 फीसदी वोटिंग की थी तो 83.17 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों ने 75.98 फीसदी वोटिंग की थी तो 74.03 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की थी।

  • वर्ष 2003 में कुल मतदाताओं की संख्या 3,78,45,538थी,इसमें पुरुष मतदाता 1,97,73,658और महिला मतदाता 1,80,71,880 (47.7%)थी।
  • वर्ष 2008 में कुल मतदाताओं की संख्या3,62,77,826थी,इसमें पुरुष मतदाता 1,91,40,177और महिला मतदाता 1,71,37,649 (47.2%)थी।
  • वर्ष 2013 में कुल मतदाताओं की संख्या 4,66,31,759थी,इसमें पुरुष मतदाता 2,45,68,405और महिला मतदाता 1,71,37,649 (47.2%)थी।
  • वर्ष 2018 में कुल मतदाताओं की संख्या 5,04,95,251थी,इसमें पुरुष मतदाता 2,63, 62,394 और महिला मतदाता 2,41, 32,857 (47.92%) थी।
  • वर्ष 2023 में कुल मतदाताओं की संख्या 5,60,60,925थी,इसमें पुरुष मतदाता 2,88,25,607 और महिला मतदाता 2,72,33,945 (48,57%)है।

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चुनाव जितने के लिए महिलाओं को साधना जरुरी

MP Assembly Elections 2023:  अब बात करते है आधी आबादी के वोटो के लिए लगने वाले सियासी दांवपेंच की सोशल इंजीनियरिंग के जरिये यदि चुनाव में जीतना है तो प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को साधना जरूरी है। इसलिए शिवराज सिंह चौहान ने एक करोड़ 30 लाख महिलाओ को लाड़ली बहना का हितग्राही बनाया जिन्हे 15 हजार करोड़ रुपए सरकार हर माह दे रही है। अब तक पांच क़िस्त भेजी जा चुकी है। इसमें भी धीरे-धीरे राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए करनेे की योजना है। इधर कांग्रेस ने भी महिला वोटरों को लुभाने के लिए नारी सम्मान योजना का ऐलान किया है, जिसमे 1500 रु महीने और 500 रु में गैस सिलेंडर की घोषणा है। यानी आधी आबादी पर दोनों दलों का फोकस है। दोनों दल एक दूसरे पर आरोप के साथ ताल ठोककर कह रहे है कि हम कहते नहीं बल्कि करते हैं।

इन सीटों पर महिलाएं तय करती है हार-जीत

MP Assembly Elections 2023:  मध्यप्रदेश में 52 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर महिलाएं वोटर जीत तय करती हैं। यही कारण है 2006 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना और अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना ,सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण आखिर प्रदेश में बेटी के जन्म से लेकर लाड़ली बहना बनने और अब रहने के लिए छत देने तक सरकार क्यों इतना खर्च कर रही है? क्योंकि प्रदेश में 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 महिला मतदाता हैं यानी प्रदेश में लगभग 48,57 फीसदी वोटर्स महिलाएं हैं । 2013 विधानसभा चुनाव की तुलना में 2018 में करीब 20 लाख से अधिक महिलाओं ने वोट दिया था। इसका सीधा असर 52 सीटों पर पड़ा था। नई महिला वोटरों की संख्या में इजाफा हुआ है 1 हजार पुरुषों की तुलना में 945 महिलाएं हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 230 सीटों में से 52 सीटों पर महिला वोटर्स ने ज्यादा वोटिंग की थी। इनमें 35 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी जीती थी। 2018 के मुकाबले कुल महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है। यही कारण है कि महिला वोटरों पर सियासी दलों की नजर है लेकिन परिणाम आने के बाद आधी आबादी की सत्ता में भागीदारी कितनी होगी यह वक्त बताएगा ।

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