संकष्टी चतुर्थी: गणपति की अर्चना से हर संकल्प को मिलती हैं सिद्धि, मनवांछित फल पाने जानें व्रत पूजन विधि
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 8 मई 2023 को शाम 6.18 मिनट पर हो रही है। इसका समापन 9 मई को शाम 4 . 8 मिनट पर होगा।
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Sankashti Chaturthi: प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा करने से हर संकट का हल मिलता है। हर माह आने वाली चतुर्थी तिथि विघ्नहर्ता को अतिप्रिय है। इस दिन पूजा जप तप करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है…जानते हैं ज्येष्ठ माह में गणेश चतुर्थी का व्रत कब पड़ रहा है।
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस साल एकदंत संकष्टी चतुर्थी 9 मई दिन मंगलवार को है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से बुद्धि ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, क्योंकि भगवान गणेश विघ्नविनाशक हैं, जो बाधाओं को दूर करते है। एकदन्त संकष्टी चतुर्थी और क्या है इसका महत्व।
luck of these 6 zodiac signs will change and money will rain in sankashti chaturthi : गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
Sankashti Chaturthi: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 8 मई 2023 को शाम 6.18 मिनट पर हो रही है। इसका समापन 9 मई को शाम 4 . 8 मिनट पर होगा। इस दिन शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा की जाती है, इसलिए इस माह की संकष्टी चतुर्थी व्रत 8 मई को हो रखा जाएगा
- संकष्टी चतुर्थी तिथि : 9 मई दिन मंगलवार
- संकष्टी चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 8 मई 2023 को शाम 6 . 18 मिनट पर
- संकष्टी चतुर्थी तिथि समापन : 9 मई को शाम 4 . 8 मिनट पर
- अभिजित मुहूर्त : सुबह 11 . 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 . 45 मिनट तक
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Sankashti Chaturthi: प्रथम पूज्य भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता मानते है और किसी भी शुभ काम की शुरूआत विघ्नहर्ता गणेश के पूजन से ही होती है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है इसलिए चतुर्थी को भगवान गणेश सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत चंद्रमा के दर्शन और जल अर्पित करने के बाद ही पूर्ण होता है। कहा जाता है कि जो भक्त एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत रखता है उसके पाप हमेशा के लिए मिट जाते हैं तथा उसे सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। यह व्रत रखने वाले भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और धन की कमी कभी नहीं होती है। संतान प्राप्ति के लिए भी कई लोग एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत रखते हैं।
luck of these 6 zodiac signs will change and money will rain in sankashti chaturthi : संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
Sankashti Chaturthi: इस दिन सुबह ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें। इसके बाद जल, अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें।पूजन करते समय उत्तर या पूर्व दिशा को ओर होना चाहिए।इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति साफ आसन या चौकी पर स्थापित करें।
भगवान श्रीगणेश को सिंदूर से तिलक करें और दूर्वा अर्पित करें। पूजा में भगवान गणेश को पंचामृत, चंदन का लेप, दूर्वा घास, कुमकुम, अगरबत्ती और धूप आदि का भोग लगाया जाता है। पूजन के दौरान पूरे मन से भगवान श्री गणेश जी के मंत्र “ॐ श्री गणेशाय नमः” या “ॐ गं गणपते नमः” का जाप करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेशजी की आरती करें और लड्डू, मोदक या फिर तिल से बनी मिठाई का भोग लगाएं।इसके बाद शाम को व्रत कथा पढ़कर और चांद को अर्घ्य देकर स्वयं भोजन कर व्रत खोलें। इस दिन गरीबों को भोजन खिलाएं और यदि संभव हो तो गरीबों को वस्त्र दान करें।

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