इंदौर (मध्यप्रदेश), 21 सितंबर (भाषा) इंदौर नगर निगम (आईएमसी) द्वारा स्थानीय नागरिकों से विसर्जन के लिए एकत्र की गयी गणेश प्रतिमाओं को ट्रकों से कथित तौर पर अपमानजनक तरीके से तालाब में फेंके जाने को लेकर मचे बवाल के बाद मंगलवार को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
चंदन नगर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आईएमसी के एक अफसर की शिकायत पर यह प्राथमिकी भादंसं की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के तहत इस शहरी निकाय के नौ बर्खास्त कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज की गई है।
आईएमसी की आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि गणेश प्रतिमाओं को ट्रकों से तालाब में फेंके जाने के मामले में सात अस्थायी कर्मियों की सेवाएं सोमवार को ही समाप्त कर दी गईं थीं और इसके बाद दो सुपरवाइजर को भी बर्खास्त कर दिया गया । उन्होंने कहा, ‘भगवान गणेश की मूर्तियों को ट्रकों से तालाब में फेंके जाने से कई नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।’
पाल ने बताया कि इस घटना पर आईएमसी के एक क्षेत्रीय अधिकारी और एक कार्यक्रम अधिकारी को निलंबित भी किया गया है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही फैल चुका है। इसमें ट्रकों पर सवार आईएमसी कर्मचारी गणेश प्रतिमाओं को एक तालाब में धड़ाधड़ फेंकते नजर आ रहे हैं। वीडियो पर आक्रोशित नागरिक इस घटना से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कहते हुए सोशल मीडिया पर आईएमसी प्रशासन की तीखी आलोचना कर चुके हैं।
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इस बीच, इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने कहा, ‘यह घटना बेहद निंदनीय है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है।’
गौरतलब है कि आईएमसी ने 10 दिवसीय गणेशोत्सव की समाप्ति पर रविवार को अनंत चतुर्दशी पर शहर में अलग-अलग जगहों पर विशेष केंद्र बनाकर गणेश प्रतिमाएं एकत्र की थीं ताकि तय जल स्त्रोतों में इनका सुव्यवस्थित विसर्जन किया जा सके।
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