गायक, फिल्मकार, अभिनेताओं के लिए तालिबान का फरमान, इस्लामी शरिया के अनुसार करें अपना पेशा

अफगानिस्तान में रहने वाले गायक, फिल्मकार, अभिनेता आदि कलाकारों के लिए तालिबानी आतंकियों ने खुले तौर पर कहा है कि इस्लामी शरिया के अनुसार वे अपने पेशे का मूल्यांकन करें।

गायक, फिल्मकार, अभिनेताओं के लिए तालिबान का फरमान, इस्लामी शरिया के अनुसार करें अपना पेशा
Modified Date: November 29, 2022 / 01:42 pm IST
Published Date: August 26, 2021 7:17 am IST

काबुल। Taliban decree for filmmakers : अफगानिस्तान में रहने वाले गायक, फिल्मकार, अभिनेता आदि कलाकारों के लिए तालिबानी आतंकियों ने खुले तौर पर कहा है कि इस्लामी शरिया के अनुसार वे अपने पेशे का मूल्यांकन करें। इस मूल्यांकन के बाद उन्हें अपना पेशा खुद ही बदलना पड़ जाएगा। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद से सवाल किया गया था कि क्या तालिबान देश में कलाकारों को अपना काम जारी रखने देगा? इस पर मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान में कलाकारों का भाग्य इस्लामी कानून के अनुसार तय होगा।

अगर गायक, फिल्म अभिनेता या फिल्मकार आदि अपने पेशे का इस्लामी शरिया कानूनों के अनुसार मूल्यांकन करेंगे तो उन्हें खुद ही यह पेशा बदलना पड़ जाएगा। बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद से बड़ी संख्या में कलाकारों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है।

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Taliban decree for filmmakers : तालिबान ने पिछले महीने हास्य कलाकार फजल मोहम्मद की हत्या कर दी थी। घर से अपहरण कर ले जाते आतंकियों का वीडियो वायरल हुआ था। तालिबान ने जाने-माने इतिहासकार व कवि अब्दुल्लाह अतिफी की भी हत्या कर दी थी।

तालिबानियों ने पहले ही कहा था, शरिया के तहत ही महिलाओं का अधिकार व सम्मान मिलेगा। लोकप्रिय अफगान पॉपस्टार आर्याना सईद ने कहा कि वहां महिलाओं का भी कोई भविष्य नहीं है। आशंका भी जताई कि अब महिलाएं अपने घरों में कैद होकर रह जाएंगी, उन्हें मूल अधिकार तक नहीं मिलेंगे।

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15 अगस्त को ही अफगानिस्तान की सबसे लोकप्रिय फिल्मकार सहरा करीमी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे काबुल की सड़कों पर अफरा-तफरी के बीच भागती नजर आई थीं। उन्होंने भी कहा था कि अफगानिस्तान में महिलाओं और कलाकारों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है, क्योंकि तालिबानी आतंकी उनका सम्मान नहीं करते। करीमी अफगानिस्तान सरकार के फिल्म संगठन की पहली महिला अध्यक्ष रही हैं।

अफगानिस्तान छोड़कर निकलने में कामयाब रहीं एक पत्रकार ने बताया है कि तालिबानी घर-घर जाकर शादी के लिए 15 साल से बड़ी लड़कियों की तलाश कर रहे हैं। द डलास मॉर्निंग न्यूज में होली मैके ने कहा है, अफगानी महिलाओं ने अपनी आजादी के लिए कड़ी मेहनत की थी पर तालिबान की वापसी से सब बदल गया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com