UP Police Viral Video: जब पुलिस वाला बन गया डायरेक्टर! बनाया बरामदगी का ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो, पीड़िता को रटवाया जवाब, मचा बवाल

जब पुलिस वाला बन गया डायरेक्टर! बनाया बरामदगी का ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो, When a policeman became a director! A 'scripted' video of the seizure was made.

UP Police Viral Video: जब पुलिस वाला बन गया डायरेक्टर! बनाया बरामदगी का ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो, पीड़िता को रटवाया जवाब, मचा बवाल
Modified Date: November 24, 2025 / 12:09 am IST
Published Date: November 23, 2025 11:27 pm IST

बुलंदशहर। UP Police Viral Video: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर लोग पुलिस की तुलना फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा से करने लगे हैं। मामला खुर्जा कोतवाली क्षेत्र का है, जहां पति-पत्नी के विवाद के बाद पुलिस दोनों को नवदुर्गा मंदिर चौकी ले गई। यहीं पर चौकी प्रभारी ने बरामदगी के दौरान एक ऐसा वीडियो शूट कराया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मामला कैसे शुरू हुआ?

3 नवंबर को उस्मापुर गांव की रहने वाली पूजा ने डायल-112 पर कॉल कर शिकायत की कि उसके पति ने मारपीट की और तमंचे से धमकाया। सूचना मिलते ही 112 की टीम मौके पर पहुंची, जहां पूजा ने बताया कि विवाद के दौरान पति ने हथियार दिखाया था। टीम ने मामले की जानकारी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक मनीष कुमार को दी। वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दंपति को समझाकर आगे झगड़ा न करने की चेतावनी दी। तलाशी के दौरान घर से एक तमंचा भी बरामद हुआ।

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वीडियो कैसे बना विवाद का कारण?

UP Police Viral Video: बरामदगी के दौरान उपनिरीक्षक मनीष कुमार ने पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनवाया। लेकिन इस दौरान वे दंपति को खुद डायलॉग बोलने के लिए कहते दिखाई दिए यही हिस्सा वायरल होकर विवाद का केंद्र बन गया। वीडियो सामने आने पर लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि कई लोग इसे मज़ाकिया अंदाज़ में फिल्म निर्देशन जैसा बता रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि बरामदगी का वीडियो बनाना कानूनी रूप से आवश्यक है, लेकिन वीडियो शूट करते समय लापरवाही बरती गई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।