fact check: मार्च महीने के बाद चलन में नहीं रहेंगे 100, 10 और 5 रुपए के पुराने नोट? जानिए क्या है पूरा मामला

fact check: मार्च महीने के बाद चलन में नहीं रहेंगे 100, 10 और 5 रुपए के पुराने नोट? जानिए क्या है पूरा मामला

fact check: मार्च महीने के बाद चलन में नहीं रहेंगे 100, 10 और 5 रुपए के पुराने नोट? जानिए क्या है पूरा मामला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 pm IST
Published Date: January 24, 2021 6:25 am IST

नईदिल्ली। कहीं कहीं पर मीडिया में कुछ पुराने करेंसी नोटों (100, 10 और 5 रुपये के) को मार्च महीने से चलन में नहीं रहने की खबर चल रही है। लेकिन, इससे घबराने की कोई बात नहीं है। क्योंकि इस खबर में सच्चाई नहीं है। बैंकिंग क्षेत्र के नियामक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि 100, 10 और 5 रुपये सभी पुराने नोट वैध हैं और वह चलन में बने रहेंगे। इन्हें चलन से हटाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने बताया कि आगामी मार्च या अप्रैल के बाद भी 100, 10 और 5 रुपये के पुराने नोट चलन में बने रहेंगे। जब तक ये चलने लायक होंगे, चलते रहेंगे।

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आरबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले दिनों मंगलोर में रिजर्व बैंक के इश्यू डिपार्टमेंट के एक सहायक महाप्रबंधक डिस्ट्रिक लेवल मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। उस दौरान उक्त अधिकारी ने कहा था कि बैंकों के पास जमा पुराने 100 रुपये के कटे-फटे नोट अगले महीने वापस ले लिए जाएंगे। इसी को कुछ मीडिया ने गलत तरीके से प्रकाशित-प्रसारित किया।

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रिजर्व बैंक प्रवक्ता के मुताबिक कटे फटे या मैले हो चुके नोटों को चलन से बाहर करने की प्रक्रिया एक सामान्य प्रक्रिया है। आमतौर पर होता यह है कि जो नोट खराब हो जाते हैं, उसे बैंक जमा कर रिजर्व बैंक के पास भेज देते हैं। फिर रिजर्व बैंक उन नोटों को जांच कर उसे चलन से बाहर कर देता है। इन नोटों को बाद में नष्ट कर दिया जाता है और उसके स्थान पर नए नोट जारी कर दिए जाते हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com