नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के तहत स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले आजीविका उपकरणों के लिए 50 अरब अमेरिकी डॉलर का बाजार मौजूद है।
एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि खासतौर से महिलाओं के बीच इनकी विशेष मांग है। भारत में सभी महिला श्रमिकों में 75 प्रतिशत से अधिक कृषि और संबद्ध उद्योगों जैसे खाद्य प्रसंस्करण और पशुपालन में कार्यरत हैं।
सीईईडब्ल्यू और विलग्रो की पहल ‘पॉवरिंग लाइवलीहुड’ द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि विकेन्द्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (डीआरई) प्रौद्योगिकियों की मदद से ग्रामीण महिलाएं अपनी उत्पादकता में सुधार कर सकती हैं।
रिपोर्ट में ऐसे कई मॉडलों का जिक्र किया गया है, जहां अक्षय ऊर्जा आधारित तकनीकों की मदद से आजीविका के अवसर मुहैया कराकर महिलाओं को मुख्यधारा में लाया जा सकता है।
भाषा पाण्डेय रमण
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