उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम : आईएटीए महानिदेशक

उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम : आईएटीए महानिदेशक

उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम : आईएटीए महानिदेशक
Modified Date: June 2, 2025 / 01:35 pm IST
Published Date: June 2, 2025 1:35 pm IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) के महानिदेशक विली वॉल्श ने सोमवार को कहा कि लागत और कर चुनौतियों में वृद्धि के बावजूद उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम हो गई है।

आईएटीए की यहां वार्षिक आम बैठक में वॉल्श ने साथ ही कहा कि आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के परिणामस्वरूप विमानन उद्योग की वृद्धि दर धीमी हो गई है।

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) 42 वर्ष बाद भारत में हो रही है। आईएटीए वैश्विक स्तर पर 350 से अधिक वाहकों का प्रतिनिधित्व करता है।

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इसने सोमवार को एक अनुमान में कहा कि विमानन कंपनियां इस साल 979 अरब अमेरिकी डॉलर के राजस्व पर 36 अरब डॉलर का लाभ कमाएगी। इस वर्ष अपेक्षित लाभ का शुद्ध मुनाफा 3.7 प्रतिशत या प्रति यात्री शुद्ध लाभ 7.20 अमेरिकी डॉलर होगा।

वॉल्श ने कहा, ‘‘ हमारी लाभप्रदता उस विशाल मूल्य के अनुरूप नहीं है जो हम एक मूल्य श्रृंखला के केंद्र में सृजित करते हैं जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.9 प्रतिशत का समर्थन करती है तथा 8.65 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती है।’’

उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती लागत और कर चुनौतियों के बावजूद, उड़ान की वास्तविक लागत एक दशक पहले की तुलना में 40 प्रतिशत कम है।

भारत, विश्व में सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है। हवाई यातायात की मांग बढ़ रही है, जबकि हवाई किराये के बारे में चिंताएं बनी हुई हैं।

इस बीच, विमानन उद्योग को प्रभावित करने वाली आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं का उल्लेख करते हुए आईएटीए महानिदेशक ने कहा कि विमान के मामले में विनिर्माण क्षेत्र बुरी तरह विफल हो रहा है।

वाल्श ने कहा कि 17,000 विमान का ‘बैकलॉग’ है। वहीं 10 वर्ष से 1,100 विमान रखे हुए हैं। बेड़े में विमानों को बदलने की दर तीन प्रतिशत है जो सामान्य से पांच-छह प्रतिशत कम है।

उन्होंने साथ ही कहा कि हवाई यात्रियों की संख्या सालाना पांच अरब को पार कर जाने का अनुमान है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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