अदाणी विल्मर ने फार्चून ब्रांड के 20 वर्ष पूरे किये, नये संसंत्रों की स्थापना की जायेगी | Adani Wilmer completes 20 years of Fortune brand, new plants to be set up

अदाणी विल्मर ने फार्चून ब्रांड के 20 वर्ष पूरे किये, नये संसंत्रों की स्थापना की जायेगी

अदाणी विल्मर ने फार्चून ब्रांड के 20 वर्ष पूरे किये, नये संसंत्रों की स्थापना की जायेगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : November 24, 2020/3:43 pm IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) खाद्य तेल कंपनी अडानी विल्मर ने मंगलवार को कहा कि उसका वार्षिक राजस्व 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है और वह खाद्य तेल, खाद्य एवं व्यक्तिगत देखभाल सामग्री व्यवसायों में योजनाबद्ध क्षमता विस्तार के साथ विकास यात्रा जारी रखेगी।

गुजरात स्थित अडानी विल्मर, जो व्यापार समूह अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है, का गठन 1999 में किया गया था, मंगलवार को उसके प्रमुख ‘फॉर्च्यून’ ब्रांड के संचालन के 20 साल पूरे हुए जो 24 नवंबर 2000 को जयपुर में लॉन्च किया गया था।

फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कंपनी खाद्य तेलों के साथ-साथ खाद्य उत्पाद जैसे गेहूं का आटा, बेसन, चावल, दाल, चीनी और सोया नगेट्स भी बेचती है। यह अरंडी के तेल और व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं के व्यवसाय में भी है, जिसके तहत यह साबुन बनाती है।

एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, अडानी विल्मर के डिप्टी सीईओ अंगशु मल्लिक ने 20 वर्षों के संचालन को रोचक और चुनौतीपूर्ण बताया।

कंपनी के राजस्व के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि यह 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का है, जिसमें से खाद्य तेल का कारोबार लगभग 24,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी की दोहरे अंकों में वृद्धि जारी रहेगी, खाद्य व्यवसाय में वृद्धि खाद्य तेलों की तुलना में अधिक की होगी।

उन्होंने कहा कि तदनुसार, कुल कारोबार में खाद्य कारोबार की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ेगी।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी अपनी क्षमताओं के विस्तार के लिए खाद्य तेल, खाद्य व्यवसाय खंड जैसे गेहूं के आटे और व्यक्तिगत देखभाल सामग्री खंड में अपने खुद के विनिर्माण संयंत्रों को स्थापित करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम खाद्य और व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्रों में अधिक कारखाने स्थापित करेंगे। हम सरसों के तेल के कारोबार में भी अधिक निवेश करेंगे।’’ लेकिन उन्होंने इस संदर्भ में निवेश के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी ने हरियाणा के सोनीपत में 55 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है, जहां वह विभिन्न उत्पादों के लिए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी।

कंपनी ने डेयरी व्यवसाय में प्रवेश से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि कंपनी मसालों के व्यवसाय में निवेश पर विचार कर सकती है।

मल्लिक ने उल्लेख किया कि उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं पैक खाद्य पदार्थों की ओर बदल रही हैं।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)