कृषि वृद्धि दर 2025-26 में चार प्रतिशत रहने का अनुमान: नीति आयोग सदस्य

कृषि वृद्धि दर 2025-26 में चार प्रतिशत रहने का अनुमान: नीति आयोग सदस्य

कृषि वृद्धि दर 2025-26 में चार प्रतिशत रहने का अनुमान: नीति आयोग सदस्य
Modified Date: December 8, 2025 / 06:48 pm IST
Published Date: December 8, 2025 6:48 pm IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) भारत के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में कम यानी चार प्रतिशत रह सकती है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 4.6 प्रतिशत थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने एक कृषि व्यवसाय सम्मेलन के मौके पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह (कृषि वृद्धि दर) वित्त वर्ष 2025-26 में चार प्रतिशत के करीब होगी। इस समय कम वृद्धि दर के कारणों का पता लगाना मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा कि आधार वर्ष की वजह से कृषि वृद्धि दर में उतार-चढ़ाव होता रहता है। पंजाब में बाढ़ का असर सिर्फ एक सीमित क्षेत्र में है, और इससे राज्य की वृद्धि दर में कमी आने की आशंका नहीं है।

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चंद ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 के पहली छमाही में कृषि क्षेत्र के वृद्धि दर के आंकड़ों को देखें तो, दूसरी छमाही सामान्य रहेगा।’’

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2024-25 में कुल कृषि वृद्धि दर 4.63 प्रतिशत तक पहुंच गई।

चंद ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत की कृषि वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो चीन के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर से भी आगे है।

उन्होंने उद्योग निकाय पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश को विकसित बनने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की ज़रूरत है।

उन्होंने चेतावनी दी कि धीमी आबादी वृद्धि के कारण घरेलू खाद्य मांग सालाना सिर्फ 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसलिए भारत को या तो अधिशेष उत्पादन का निर्यात करना होगा या जैव-ईधन जैसे दूसरे इस्तेमाल ढूंढने होंगे। सम्मेलन में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय


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