नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) वैश्विक इस्पात विनिर्माता आर्सेलरमित्तल की जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 14 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 80.5 करोड़ डॉलर पर आ गया। वैश्विक चुनौतियों के बीच कम बिक्री होने से इसका मुनाफा घटा है।
भारतीय बाजार में भी अच्छी मौजूदगी रखने वाली आर्सेलरमित्तल ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसने एक साल पहले की समान तिमाही में 93.8 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया था।
लक्जमबर्ग स्थित आर्सेलरमित्तल दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत इस्पात और खनन कंपनी है। यह जनवरी-दिसंबर वित्तीय वर्ष का पालन करती है।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आदित्य मित्तल ने कहा कि यह तिमाही भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच लगातार आपूर्ति और मजबूत मार्जिन वाली एक अन्य तिमाही थी जिसमें कर-पूर्व आय (एबिटा) 116 अमेरिकी डॉलर प्रति टन रहा।
उन्होंने कहा, ‘हम अपने रणनीतिक वृद्धि एजेंडे पर अमल करना जारी रखे हैं, जिसके 2027 तक 1.8 अरब डॉलर की वृद्धिशील कर पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) देने की उम्मीद है।’
मित्तल ने कहा कि वैश्विक व्यापार के बारे में बढ़ती अनिश्चितता कारोबारी भरोसे को नुकसान पहुंचा रही है और अगर जल्द इसका हल नहीं निकाला गया तो आगे आर्थिक व्यवधान पैदा करने का जोखिम है।
कंपनी के बयान के मुताबिक, मार्च तिमाही में इसका कच्चा इस्पात उत्पादन मामूली रूप से बढ़कर 1.48 करोड़ टन हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.44 करोड़ टन था।
इस साल की पहली तिमाही में बिक्री नौ प्रतिशत गिरकर 14.79 अरब डॉलर रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 16.28 अरब डॉलर थी।
आर्सेलरमित्तल भारत में जापान की निप्पॉन स्टील के साथ संयुक्त उद्यम में गुजरात में लगभग 90 लाख टन क्षमता वाले इस्पात संयंत्र का संचालन करती है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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