औसत मासिक जीएसटी संग्रह 2024-25 में 11 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपये होगा: राजस्व सचिव |

औसत मासिक जीएसटी संग्रह 2024-25 में 11 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपये होगा: राजस्व सचिव

औसत मासिक जीएसटी संग्रह 2024-25 में 11 प्रतिशत बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपये होगा: राजस्व सचिव

:   Modified Date:  February 2, 2024 / 04:01 PM IST, Published Date : February 2, 2024/4:01 pm IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को अगले वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह करीब 1.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

इस साल औसत मासिक जीएसटी संग्रह लगभग 1.66 लाख करोड़ रुपये है।

मल्होत्रा ने पीटीआई-भाषा के साथ बजट के बाद बातचीत में कहा कि स्टार्टअप के लिए 10 में तीन साल कर लाभ प्राप्त करने के लिए गठन की तिथि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल कलपुर्जे और घटकों के सीमा शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत करने का उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना और वर्गीकरण विवादों को कम करना है। इससे मोबाइल विनिर्माण में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2024-25 के अंतरिम बजट भाषण में कहा था कि जीएसटी करदाता आधार के साथ ही मासिक कर संग्रह भी इसकी शुरुआत के बाद से दोगुना हो गया है।

चालू वित्त वर्ष में तीन महीने ऐसे रहे हैं, जब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.70 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। चालू वित्त वर्ष में औसत मासिक संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये है।

मल्होत्रा ने कहा, ”2024-25 में जीएसटी संग्रह लगभग 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यदि चालू वित्त वर्ष में मासिक संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये है, तो 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इसे करीब 1.85 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए। अगले वित्त वर्ष में औसतन इतना संग्रह आराम से होगा।”

बजट में अगले वित्त वर्ष के दौरान 10.68 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह का अनुमान लगाया गया है। यह राशि 2023-24 के 9.57 लाख करोड़ रुपये से 11.6 प्रतिशत अधिक है।

मोबाइल कलपुर्जों के आयात पर शुल्क कटौती के बारे में मल्होत्रा ने कहा कि इसका राजस्व प्रभाव लगभग 500 करोड़ रुपये होगा।

उन्होंने कहा कि शुल्क में कटौती से कराधान संरचना और वर्गीकरण सरल हुए हैं। अभी तक कुछ मोबाइल कलपुर्जों पर 15 प्रतिशत कर था, कुछ पर 10 प्रतिशत। इसलिए विवादों से बचने के लिए कर दरों को घटाकर सभी के लिए 10 प्रतिशत कर दिया गया है।

मल्होत्रा ने कहा कि भारत में मोबाइल का विनिर्माण बहुत अच्छा चल रहा है और उम्मीद है कि इससे देश में मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क राजस्व, कुल राजस्व का एक छोटा सा हिस्सा है। न तो सीमा शुल्क राजस्व का प्राथमिक स्रोत है और न ही सीमा शुल्क का प्राथमिक उद्देश्य राजस्व इकट्ठा करना है। मोबाइल कलपुर्जों के आयात पर शुल्क कटौती का राजस्व प्रभाव 500 करोड़ रुपये से भी कम होगा।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

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