KYC अपडेट कराने नहीं जाना होगा बैंक, वीडियो कॉलिंग के जरिए हो जाएंगे ये काम, देखें RBI के नए निर्देश | Bank will not have to go for KYC update These tasks will be done through video calling See new instructions from RBI

KYC अपडेट कराने नहीं जाना होगा बैंक, वीडियो कॉलिंग के जरिए हो जाएंगे ये काम, देखें RBI के नए निर्देश

KYC अपडेट कराने नहीं जाना होगा बैंक, वीडियो कॉलिंग के जरिए हो जाएंगे ये काम, देखें RBI के नए निर्देश

KYC अपडेट कराने नहीं जाना होगा बैंक, वीडियो कॉलिंग के जरिए हो जाएंगे ये काम, देखें RBI के नए निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: May 12, 2021 12:26 pm IST

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। कोरोना का नया स्ट्रेन रुप बदल-बदलकर सामने आ रहा है। कोरोना हवा के जरिए भी फैल रहा है, इन कयासों के बीच आरबीआई ने ‘अपने ग्राहक को जानो (KYC)’ के निर्देशों में संशोधन किया है। RBI के निर्देशानुसार कोरोना पैनडेमिक के इस दौर में को वीडियो आधारित कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (V-CIP) शुरू किया गया है। RBI के निर्देशानुसारर केवाईसी का अपडेशन वीडियो आधारित पहचान से आसान हो गया है। बैंक ग्राहक अब बेहद आसान तरीके से अपना केवाईसी कर रहे हैं। कुछ बैंकों ने वीडियो के जरिए केवाईसी शुरू भी कर दिया है।
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इससे पहले रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया था कि केवाईसी के लिए बहुत सख्ती ना दिखाएं। जिस ग्राहकों का केवाईसी अपडेशन पेंडिंग है, उनके खिलाफ 31 दिसंबर 2021 तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने का भी आदेश दिया गया है। वहीं कोरोना के कारण पैदा स्थितियों से निपटने के लिए ईमेल से वीडियो केवाईसी शुरू किया गया है, जो कस्टमर चाहें वे इन साधनों की मदद से अपना केवाईसी अपडेट कर सकते हैं।

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वीडियो आधारित उपभोक्ता पहचान प्रक्रिया को वीडियो-केवाईसी कहते हैं। इस प्रोसेस का उपयोग नया अकाउंट संचालकों को भी वीडियो केवाईसी की सुविधा मिलती है। इस प्रोसेस के जरिए कस्टमर का वीडियो और ऑडियो माध्यम से पहचान की जाती है। एक सुरक्षित नेटवर्क के जरिए लाइव मीटिंग होती है और कस्टमर से बातचीत में केवाईसी प्रोसेस पूरा किया जाता है। वीडियो के जरिए हो रही बातचीत के दौरान बैंक अधिकारी उपभोक्ता से निजी जानकारी हासिल करते हैं।

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वीडियो केवाईसी बैंक की वेबसाइट या उसके मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए होता है। वीडियो केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने तक उपभोक्ता बैंक की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन लॉगआउट नहीं कर सकता। उपभोक्ता केवाईसी के लिए अपनी अनुमति देता है, जिसे बैंक प्रमाण के तौर पर रखता है। वीडियो रिकॉर्डिंग जीपीएस से जुड़ी हुई होती है और इस पर समय और तारीख का पता चल जाता है। यदि कहीं तनीकी गड़बड़ी हो जाए तो वीडियो केवाईसी रोक कर नया सत्र शुरू किया जा सकता है।

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बैंक अपने ग्राहक का का समय-समय पर केवाईसी अपडेट करते हैं। हाई रिस्क ग्राहक का 2 साल में कम से कम एक बार केवाईसी अपडेट करवाया जाता है। मध्यम श्रेणी की रिस्क में 8 साल में कम के कम एक बार केवाईसी अपडेट जरूरी है. वहीं लो रिस्क कस्टमर के लिए 10 साल में एक बार केवाईसी की प्रोसेस अपनाई जा सकती है।

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