बैंकरों ने रेपो दर को स्थिर रखने के आरबीआई के कदम की सराहना की

बैंकरों ने रेपो दर को स्थिर रखने के आरबीआई के कदम की सराहना की

बैंकरों ने रेपो दर को स्थिर रखने के आरबीआई के कदम की सराहना की
Modified Date: December 8, 2023 / 07:55 pm IST
Published Date: December 8, 2023 7:55 pm IST

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) बैंकरों ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की सराहना करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के कई उपाय इस बात की पुष्टि करते हैं कि अर्थव्यवस्था स्थिर मुद्रास्फीति और उच्च वृद्धि दर के लिए तैयार है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नीतिगत समीक्षा में रेपो दर को लगातार पांचवीं बार स्थिर रखा। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि जब तक मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के तय लक्ष्य तक नहीं आ जाती है, तब तक महंगाई के खिलाफ लड़ाई में संतुष्ट होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

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भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि कैलेंडर वर्ष की अंतिम नीतिगत समीक्षा में घोषित उपाय इस बात की पुष्टि करते हैं कि अर्थव्यवस्था स्थिर मुद्रास्फीति और उच्च वृद्धि दर के लिए तैयार है। ऐसे में वृद्धि लगातार तीसरे साल सात प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है।

खारा ने कहा कि नकदी से संबंधित उपायों से बैंकों को बेहतर फंड प्रबंधन की सुविधा मिलेगी।

उन्होंने यूपीआई के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीमाएं बढ़ाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यूपीआई का व्यापक उपयोग हो सकेगा।

बैंकों के राष्ट्रीय संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन और पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक ए के गोयल ने कहा कि बढ़ते वैश्विक जोखिमों के बावजूद आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत किया है। इससे घरेलू अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का पता चलता है।

गोयल ने कहा कि उच्च वृद्धि का अनुमान बैंकिंग क्षेत्र के लिए काफी सकारात्मक है, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियों के स्तर में वृद्धि का संकेत मिलता है, जिससे मजबूत ऋण वृद्धि होगी।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की जरीन दारूवाला ने कहा कि मौद्रिक नीति में यथास्थिति का होना आर्थिक वृद्धि को लेकर आरबीआई के भरोसे को दर्शाता है।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम


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