बड़े उद्योगों को अंतरिक्ष क्षेत्र में उतरने की जरूरत: इसरो प्रमुख

बड़े उद्योगों को अंतरिक्ष क्षेत्र में उतरने की जरूरत: इसरो प्रमुख

बड़े उद्योगों को अंतरिक्ष क्षेत्र में उतरने की जरूरत: इसरो प्रमुख
Modified Date: November 5, 2024 / 07:07 pm IST
Published Date: November 5, 2024 7:07 pm IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने मंगलवार को उद्योग घरानों से अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक अंतरिक्ष शक्ति बनाने के लिए यह निवेश महत्वपूर्ण है।

सोमनाथ ने यहां भारतीय अंतरिक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए अंतरिक्ष उद्योग में ‘अबूझ’ निवेश पर चिंता व्यक्त की।

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उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी बहुत कम है और अगली पीढ़ी को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने की आवश्यकता है।

भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई है और अगले दस साल में इसके 45 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।

सोमनाथ ने कहा कि देश के बड़े उद्योग घरानों से व्यापार के अग्रिम पक्ष के लिए निवेश नहीं मिल रहा है, और उनके साथ इस मामले पर बात की जा रही है।

इसरो चेयरमैन ने भारतीय अंतरिक्ष संघ द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में बड़े (उद्योग) घरानों की कमी नहीं है, जिनके पास निवेश करने और दुनिया के अन्य लोगों के बराबर सृजन करने की पर्याप्त क्षमता है। लेकिन, उन्हें अकेले या दूसरों के साथ बहुत ही सहयोगात्मक तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत है।’’

उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में शामिल जोखिमों को स्वीकार किया, जहां जटिल प्रणालियों को विकसित करने के लिए लंबे समय की जरूरत होती है।

सोमनाथ ने कहा, ‘‘उद्योग और स्टार्टअप आगे आ रहे हैं, लेकिन एक स्तर तक बढ़ने, स्थापित खिलाड़ियों को चुनौती देने के लिए पर्याप्त प्रतिस्पर्धी बनने की उनकी क्षमता अब भी देखी जानी बाकी है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे में बड़े औद्योगिक घरानों को आगे आना चाहिए, क्योंकि इस क्षेत्र के भारी जोखिम को केवल वे ही उठा सकते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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