केंद्र की सलाह, अवसंरचना योजना बनाते वक्त पीएम गतिशक्ति का दृष्टिकोण अपनाएं राज्यों के अधिकारी

केंद्र की सलाह, अवसंरचना योजना बनाते वक्त पीएम गतिशक्ति का दृष्टिकोण अपनाएं राज्यों के अधिकारी

केंद्र की सलाह, अवसंरचना योजना बनाते वक्त पीएम गतिशक्ति का दृष्टिकोण अपनाएं राज्यों के अधिकारी
Modified Date: August 5, 2023 / 07:19 pm IST
Published Date: August 5, 2023 7:19 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) केंद्र ने राज्यों के अधिकारियों को सुझाव दिया है कि वे खासतौर से जिलों में आधुनिक बुनियादी ढांचे की योजना बनाते समय पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान के दृष्टिकोण को अपनाएं। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई।

उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस संबंध में चार अगस्त को एक वेब-गोष्ठी का आयोजन किया था। इस दौरान पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान के दृष्टिकोण और उपयोग पर चर्चा की गई।

डीपीआईआईटी सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रशासकों और लोक सेवकों के लिए देश में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान के दृष्टिकोण को समझने पर जोर दिया।

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वेब-गोष्ठी में 27 केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) और लगभग 34 राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) के वरिष्ठतम अधिकारियों समेत 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

इसमें कहा गया, “पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के विस्तृत रूट सर्वेक्षण के तहत 46 रिपोर्ट तैयार करने में पहले 6-9 महीने लगते थे। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत मार्ग सर्वेक्षण (ईडीआरएस) के जरिए रिपोर्ट अब कुछ घंटों में बनाई जाती है।”

बयान के अनुसार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पूर्वोत्तर गैस ग्रिड (एनईजीजी) के तहत पांच पाइपलाइनों के संरेखण की योजना बनाई, जिसके चलते 42 किलोमीटर की कुल लंबाई कम हो गई, और 169 करोड़ रुपये की लागत बचत हुई।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


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