कश्मीर में रोग प्रतिरोधी पौधे उपलब्ध कराने को स्वच्छ पौध सुविधा स्थापित करेगा केंद्र
कश्मीर में रोग प्रतिरोधी पौधे उपलब्ध कराने को स्वच्छ पौध सुविधा स्थापित करेगा केंद्र
श्रीनगर, तीन जुलाई (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में बागवानों को रोग प्रतिरोधी पौधे उपलब्ध कराने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत 150 करोड़ रुपये की लागत से स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित करेगी।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि स्थानीय बागवानी उत्पादों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि नए पौधे लगाए जाने के तीन से चार साल के भीतर वायरस से संक्रमित हो रहे हैं।
उन्होंने अपने प्रभार के तहत विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कामकाज की समीक्षा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें रोग मुक्त पौधे प्राप्त करने की दिशा में काम करने और इसकी तैयारी करने की जरूरत है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) योजना के तहत हम श्रीनगर में 150 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि स्वच्छ पौध केंद्र श्रीनगर से बागवानी किसानों को बहुत लाभ होगा, क्योंकि उन्हें बेहतर गुणवत्ता वाले, संक्रमण मुक्त पौधे मिल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र पर सेब, बादाम और अखरोट जैसी फसलों के पौधों की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना में बागवानी फसलों को शामिल करने के लिए जल्द ही कई योजनाएं शुरू की जाएंगी, ताकि बागवानी का मानचित्रिकरण किया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर में टिशू कल्चर लैब विकसित की जाएगी, जबकि केसर की नर्सरी भी स्थापित की जाएंगी। मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य की जांच के लिए कठुआ, अनंतनाग और बारामूला में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी।’’
मंत्री ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में क्षेत्रीय बागवानी केंद्र स्थापित करने की मांग की गई है, जिसके लिए आईसीएआर सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत नहरों से खेतों तक पानी पहुंचाने में दिक्कतों को दूर करने के लिए कमांड क्षेत्र में समर्पित सिंचाई परियोजनाएं भी विकसित की जाएंगी।
चौहान ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय केसर मिशन में भी सुधार किया जाएगा। उत्पादकता बढ़ाने और नुकसान कम करने के लिए इसपर काम करने को वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम बनाई जाएगी।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय

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