केंद्र का राजकोषीय घाटा अगस्त तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 38 प्रतिशत पर

केंद्र का राजकोषीय घाटा अगस्त तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 38 प्रतिशत पर

केंद्र का राजकोषीय घाटा अगस्त तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 38 प्रतिशत पर
Modified Date: September 30, 2025 / 06:13 pm IST
Published Date: September 30, 2025 6:13 pm IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) केंद्र का राजकोषीय घाटा अगस्त के अंत तक पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के लक्ष्य का 38.1 प्रतिशत रहा।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में राजकोषीय घाटा 2024-25 के बजट अनुमान (बीई) का 27 प्रतिशत था।

निरपेक्ष रूप से, राजकोषीय घाटा यानी सरकार के व्यय एवं राजस्व के बीच का अंतर 2025-26 की अप्रैल-अगस्त अवधि में 5,98,153 करोड़ रुपये रहा।

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केंद्र का अनुमान है कि 2025-26 के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये होगा।

सीजीए के आंकड़ों से पता चला है कि सरकार को अगस्त 2025 तक 12.82 लाख करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में अनुमानित कुल प्राप्तियों का 36.7 प्रतिशत) प्राप्त हुए।

केंद्र सरकार द्वारा अगस्त तक केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकारों को 5.3 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 74,431 करोड़ रुपये अधिक है।

केंद्र का कुल व्यय 18.8 लाख करोड़ रुपये (2025-26 के बजट अनुमान का 37.1 प्रतिशत) था। इसमें से 14.49 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 4.31 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में व्यय हुए।

कुल राजस्व व्यय में से 5,28,668 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान मद में और 1,50,377 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी मद में खर्च हुए।

सीजीए ने कहा कि किसी वित्त वर्ष के दौरान मासिक खातों में दिखाया गया राजकोषीय घाटे का आंकड़ा आवश्यक रूप से उस वर्ष के राजकोषीय घाटे का संकेतक नहीं है, क्योंकि यह उस महीने तक गैर-ऋण प्राप्तियों एवं व्यय के प्रवाह के बीच अस्थायी अंतर से प्रभावित होता है।

भाषा निहारिका रमण

रमण


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