नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा कुछ प्रमुख भारतीयों पर नजर रखे जाने के मामले की जांच के लिये गठित समिति को एक महीने का समय दिया गया है। विशेषज्ञ समिति पूरे प्रकरण का अध्ययन कर एक महीने में अपनी सिफारिशें सौंप देगी। चीनी कंपनी के 10,000 प्रमुख भारतीयों पर नजर रखे जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद समिति का गठन किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार पहले ही मामले को चीनी पक्ष के समक्ष उठा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने रिपोर्ट का अध्ययन करने, उसके प्रभाव का मूल्यांकन करने, कानून का किसी प्रकार के उल्लंघन का आकलन करने के लिये राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयन के तहत विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति को इस बारे में सिफारिशों के साथ 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी है।
श्रीवास्तव ने कहा कि इस बारे में मीडिया रिपोर्ट आने के बाद विदेश मंत्रालय ने इस प्रकारण को चीनी पक्ष के समक्ष उठाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘चीनी पक्ष ने कहा है कि कंपनी निजी फर्म है। चीनी पक्ष ने यह भी दावा किया कि संबंधित कंपनी और चीन सरकार से उसका कोई लेना-देना नहीं है।’’
उल्लेखनीय है कि एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक शेनझेन स्थित प्रौद्योगिकी कंपनी राजनीति, व्यापार और नागरिक समाज जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 10,000 से अधिक प्रमुख भारतीय लोगों की निगरानी कर रही थी।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)