सामंजस्य, प्रयोगात्मक कार्यशैली ही कार्य के भविष्य को तय करेंगी: रिपोर्ट

सामंजस्य, प्रयोगात्मक कार्यशैली ही कार्य के भविष्य को तय करेंगी: रिपोर्ट

सामंजस्य, प्रयोगात्मक कार्यशैली ही कार्य के भविष्य को तय करेंगी: रिपोर्ट
Modified Date: November 11, 2025 / 03:07 pm IST
Published Date: November 11, 2025 3:07 pm IST

मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) भारत की कार्य संस्कृति में बदलाव के साथ कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा मानता है कि भविष्य उन लोगों का होगा जो प्रयोगात्मक तरीके और आजीवन सामंजस्य को अपनाते हैं।

रोजगार से संबंधित वेबसाइट इंडीड की पहली ‘कार्यस्थल रुझान रिपोर्ट 2025’ में यह बात कही गई है।

इसके मुताबिक, 58 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों का मानना ​​है कि भविष्य उन लोगों का है जो प्रयोगात्मक कार्यशैली और आजीवन सामंजस्य को अपनाते हैं।

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प्रयोगात्मक कार्यशैली ऐसी श्रेणी को दर्शाती है, जिसमें उभरते कार्यस्थल रुझान जैसे रिवर्स मेंटरिंग (कनिष्ठ द्वारा वरिष्ठ कर्मचारियों का मार्गदर्शन), माइक्रो रिटायरमेंट (जानबूझकर छोटे करियर ब्रेक लेना), एआई मूनशाइनिंग (नौकरी के काम के लिए गोपनीय रूप से एआई का उपयोग), एआई-वॉशिंग (नौकरियों और रिज्यूमे को वास्तविकता से अधिक एआई से जुड़ा हुआ दिखाना) और स्किल नोमैडिज्म (लगातार बदलते कौशल और भूमिकाएं) शामिल हैं।

‘कार्यस्थल रुझान रिपोर्ट-2025’ इंडीड की ओर से वैल्यूवॉक्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें अगस्त, 2025 में 1,288 नियोक्ताओं और 2,584 कर्मचारियों या नौकरी चाहने वालों सहित कुल 3,872 लोगों की राय ली गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग पांच में दो भारतीय कर्मचारी अब करियर में वृद्धि को पहली प्राथमिकता देते हैं। इसके लिए रिवर्स मेंटरिंग, निरंतर कौशल विकास और दैनिक दिनचर्या में एआई के इस्तेमाल पर जोर है।

सर्वेक्षण में लगभग 41 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने कड़ी सीमाएं तय करके, नए कौशल सीखकर, या कम छुट्टियां लेकर पारंपरिक अपेक्षाओं को चुनौती दी है।

इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने कहा, ‘‘आज के कार्यस्थलों में आराम पूरी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। आगे की तैयारी के लिए अधिक से अधिक भारतीय लचीली दिनचर्या और कौशल विकास को अपना रहे हैं।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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