वाहनों के कलपुर्जों का शत प्रतिशत स्थानीयकरण करें कंपनियां: गडकरी

वाहनों के कलपुर्जों का शत प्रतिशत स्थानीयकरण करें कंपनियां: गडकरी

वाहनों के कलपुर्जों का शत प्रतिशत स्थानीयकरण करें कंपनियां: गडकरी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: February 25, 2021 8:27 am IST

नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को आटोमोबाइल विनिर्माताओं से कलपुर्जों में स्थानीयकरण को बढ़ाकर शत प्रतिशत करने को कहा।

उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार ऐसे कलपुर्जों के घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये आयात पर मूल शुल्क बढ़ाने पर विचार करेगी।

गडकरी यहां आटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (एसीएमए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में आटोमोबाइल क्षेत्र के कलपुर्जों के विनिर्माण में 70 प्रतिशत तक स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा ‘‘हमें किसी भी कीमत पर आटो कलपुर्जों के आयात को रोकना होगा।’’

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वाहन एवं वाहनों के कलपुर्जा विनिर्माताओं दोनों से यह आग्रह करता हूं कि वह विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिक से अधिक सामान को स्थानीय स्तर पर ही खरीदें। बल्कि मैं कहूंगा कि अधिक से अधिक नहीं बल्कि शत प्रतिशत सामान देश के भीतर से ही लें। हम हर क्षेत्र में पूरी तरह से सक्षम हैं। मैं वाहन कंपनियों से कहना चाहूंगा कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें अन्यथा जहां तक कलपुर्जों के आयात का मामला है हम इन पर आयात शुल्क बढ़ाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।’’

गडकरी ने कहा कि सरकार की इस मामले में हर समय स्पष्ट नीति रही है। हम भारत में निर्मित और भारत में तैयार उत्पादों की नीति को प्रोत्साहन देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें जब कभी वाहन विनिर्माता कंपनियों के साथ विचार विमर्श करने का अवसर मिलता है उनका यही सुझाव होता है कि आयात को कभी भी बढ़ावा नहीं दें।

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय का भी कामकाज संभाल रहे गडकरी ने विनिर्माताओं से कहा कि वह उत्पाद की गुणवत्ता के साथ समझौता किये बिना लागत कम करने पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि सरकार देश को अगले पांच साल में वाहन विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिये जल्द ही समग्र नीति की घोषणा की जायेगी।

गडकरी ने वाहनों की प्रस्तावित स्वैच्छिक कबाड़ नीति का जिक्र करते हुये कहा कि इससे इस्पात, प्लास्टिक, रबड़, तांबा और एल्यूमीनियम जैसे कचचे माल की उपलब्धता बढ़ेगी और विनिर्माताओं को इसका लाभ उठाना चाहिये।

भाषा

महाबीर

महाबीर


लेखक के बारे में