प्रतिस्पर्द्धा आयोग की विलय, अधिग्रहण सौदों के मूल्य पर नजरः चेयरपर्सन

प्रतिस्पर्द्धा आयोग की विलय, अधिग्रहण सौदों के मूल्य पर नजरः चेयरपर्सन

प्रतिस्पर्द्धा आयोग की विलय, अधिग्रहण सौदों के मूल्य पर नजरः चेयरपर्सन
Modified Date: December 11, 2024 / 05:27 pm IST
Published Date: December 11, 2024 5:27 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) डिजिटल बाजार क्षेत्र में विलय एवं अधिग्रहण सौदों के मूल्य पर नजर रख रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने के इरादे से किया गया अधिग्रहण तो नहीं है।

प्रतिस्पर्द्धा आयोग की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने बुधवार को कहा कि प्रतिस्पर्द्धा नियामक संचालित किए जा रहे शून्य-मूल्य वाले डिजिटल मॉडलों में सौदे के मूल्य पर नजर रख रहा है।

कौर ने यहां ‘सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि कुल परिसंपत्ति की सीमा नहीं रखी जा सकती है। लिहाजा आयोग विलय एवं अधिग्रहण सौदों के मूल्य से यह समझने की कोशिश कर रहा है कि यह लेनदेन ‘किलर’ या क्रमिक अधिग्रहण तो नहीं है।

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‘किलर अधिग्रहण’ एक ऐसी प्रथा को दर्शाता है जिसमें एक दिग्गज कंपनी संभावित प्रतिस्पर्द्धी को दबाने के इरादे से एक छोटे प्रतिस्पर्धी इकाई का अधिग्रहण करती है।

वहीं ‘क्रमिक अधिग्रहण’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से लक्षित कंपनी के शेयरों को खुले बाजार से धीरे-धीरे हासिल किया जाता है।

सीसीआई प्रमुख ने कहा कि डिजिटल मंच पर बड़ी कंपनियां ‘जेनरेटिव’ यानी सृजन से जुड़ी एआई से संबंधित छोटे स्टार्टअप के कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश भी कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा पहलू है जिस पर अमेरिका और यूरोपीय संघ में विचार किया जा रहा है। कृत्रिम मेधा (एआई) के मामले में अगली कतार में शामिल बड़े डिजिटल मंच ‘जेनरेटिव’ एआई पर छोटे स्टार्टअप के कर्मचारियों को लुभा रहे हैं। यह प्रतिस्पर्द्धा को लेकर चिंता का विषय है।’

कौर ने कहा, ‘हमने अभी तक भारत में इस तरह की किसी चीज पर गौर नहीं किया है। लेकिन अगर ऐसा दिखता है कि वे आयोग के समक्ष अधिसूचना से बचने की कोशिश कर रहे हैं तो शायद इस पर गौर किया जाएगा।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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