डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान निकाय में सुधारों पर आम सहमति बनने की उम्मीद ‘‘कम’ : जीटीआरआई |

डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान निकाय में सुधारों पर आम सहमति बनने की उम्मीद ‘‘कम’ : जीटीआरआई

डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान निकाय में सुधारों पर आम सहमति बनने की उम्मीद ‘‘कम’ : जीटीआरआई

:   Modified Date:  January 21, 2024 / 01:50 PM IST, Published Date : January 21, 2024/1:50 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के बीच वैश्विक व्यापार निकाय की विवाद निपटान प्रणाली में सुधार पर अगले महीने आम सहमति बनने की उम्मीद नहीं है क्योंकि विकसित तथा विकासशील देशों के बीच इस मुद्दे पर व्यापक मतभेद हैं। जीटीआरआई की एक रिपोर्ट में रविवार को यह बात कही गई है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार मंत्री विवाद निपटान तंत्र में सुधार, कृषि संबंधी मामलों तथा सीमा शुल्क पर रोक, ई-कॉमर्स व्यापार पर शुल्क जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) के लिए फरवरी में अबू धाबी में एकत्रित होंगे।

डब्ल्यूटीओ के 164 देश सदस्य हैं।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, ‘‘ विवाद निपटान प्रणाली में सुधार पर आम सहमति तक पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि विकसित तथा विकासशील देशों की प्राथमिकताएं और चिंताएं अलग-अलग हैं।’’

जीटीआरआई के अनुसार, अपीलीय निकाय, एसएंडडीटी (विशेष एवं अलग व्यवहार) प्रावधानों और पारदर्शिता तथा कानूनी निश्चितता सहित अन्य सदस्यों की चिंताओं से निपटते समय निष्पक्षता के लिए भारत की मांगों को संतुलित करने को महत्वपूर्ण समझौते तथा बातचीत की आवश्यकता होगी।

जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के लिए आगामी एमसी13 में विवाद निपटान प्रणाली में सुधार एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। विवाद निपटान तंत्र में सुधार करना आवश्यक है, क्योंकि देशों के बीच संघर्षों को हल करने के विश्वसनीय तरीके के बिना डब्ल्यूटीओ नियम प्रभावी नहीं हैं।

एमसी वैश्विक व्यापार निगरानी संस्था की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।

उन्होंने कहा, ‘‘ डब्ल्यूटीओ विवादों में अक्सर भाग लेने वाला अमेरिका डब्ल्यूटीओ के न्यायिक क्षेत्र की अक्षमताओं तथा कथित अधिक पहुंच से असंतोष के कारण इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है।’’

अमेरिका 2017 से डब्ल्यूटीओ की सात सदस्यीय अपीलीय अदालत में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को रोक रहा है, जिसके कारण 29 अपीलों का निपटान नहीं हो पाया है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ यह गतिरोध डब्ल्यूटीओ की विवाद समाधान प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता पूरी तरह कार्यात्मक अपीलीय निकाय को फिर से स्थापित करना है।

भारत सदस्यों के चयन, विविधता और विशेषज्ञता सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी तथा योग्यता-आधारित प्रक्रिया का आह्वान करता है।

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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