Publish Date - April 27, 2023 / 10:43 AM IST,
Updated On - April 27, 2023 / 10:59 AM IST
Cooking oil price Reduced
नयी दिल्ली: विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच बुधवार को स्थानीय मंडियों में लगभग सभी तेल-तिलहनों में गिरावट देखी गई। ‘सॉफ्ट ऑयल’ से महंगा होने की वजह से पामोलीन का आयात कम होने के बीच पामेलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर रहीं। पामोलीन के भाव ऊंचा बोले जा रहे हैं पर लिवाली कम है।
जानकार सूत्रों ने कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति यह है कि जिस सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का दाम आज से लगभग चार महीने पहले 35-40 रुपये लीटर ज्यादा थे, वह कीमत अब पामोलीन तेल से नीचे हो चली है। इसलिए आयातक कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन के स्थान पर बेहतर समझे जाने वाले नरम तेलों (सूरजमुखी एवं सोयाबीन) का अधिक आयात कर रहे हैं। सोयाबीन एवं सूरजमुखी तेल पर जो आयात शुल्क है उसके मुकाबले पामोलीन तेल पर लगने वाला आयात शुल्क कहीं अधिक है जिससे पामोलीन का आयात प्रभावित हो रहा है। सरकार को इन दोनों ‘सॉफ्ट’ और ‘हार्ड’ आयल के बीच आयात शुल्क में संतुलन स्थापित करने की ओर ध्यान देना होगा ताकि इन तेलों का आयात होता रहे और कमजोर आयवर्ग में खाये जाने वाले पामोलीन की कमी न होने पाये।
सूत्रों ने कहा कि कच्चे पामतेल (सीपीओ) का आयात करने में ज्यादा नुकसान है क्योंकि इसका प्रसंस्करण करना पड़ता है जिस पर लागत आती है। पामोलीन जब उससे सस्ता हो तो कोई भी सीपीओ क्यों खरीदेगा? इस तथ्य के मद्देनजर सीपीओ तेल में गिरावट देखने को मिली।