व्हाट्सऐप पर डेटा गोपनीयता संबंधी निर्देश गैर-विज्ञापन के लिए भी लागू होंगेः एनसीएलएटी

व्हाट्सऐप पर डेटा गोपनीयता संबंधी निर्देश गैर-विज्ञापन के लिए भी लागू होंगेः एनसीएलएटी

व्हाट्सऐप पर डेटा गोपनीयता संबंधी निर्देश गैर-विज्ञापन के लिए भी लागू होंगेः एनसीएलएटी
Modified Date: December 15, 2025 / 09:38 pm IST
Published Date: December 15, 2025 9:38 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि व्हाट्सऐप मामले में गोपनीयता एवं उपयोगकर्ता की सहमति से जुड़े उसके निर्देश केवल विज्ञापन तक सीमित न होकर विज्ञापन एवं गैर-विज्ञापन जैसे उद्देश्यों के लिए भी समान रूप से लागू होंगे।

एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की तरफ से दायर स्पष्टीकरण याचिका पर पारित अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता (व्हाट्सऐप एवं उसकी संचालक कंपनी मेटा) उपयोगकर्ता के डेटा पर एकतरफा या खुले अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोहराया कि उपयोगकर्ताओं को यह तय करने का अधिकार होना चाहिए कि कौन-सा डेटा, किस उद्देश्य से और कितने समय के लिए एकत्र किया जाएगा। विज्ञापन के इरादे से किसी भी गैर-जरूरी डेटा संग्रह के लिए संबंधित उपयोगकर्ता की स्पष्ट और वापस ली जा सकने वाली सहमति जरूरी होगी।

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अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य अरुण बरोका की दो-सदस्यीय पीठ ने कहा कि यदि उपयोगकर्ताओं को सामान्य फीचर या वैकल्पिक फीचर का इस्तेमाल करते समय किसी भी स्तर पर डेटा साझा करने से ‘ऑप्ट-इन’ या ‘ऑप्ट-आउट’ का विकल्प दिया जाता है, तो उनके अधिकार हर समय सुरक्षित रहते हैं और शोषण की स्थिति समाप्त होती है।

इस विश्लेषण को आधार बनाते हुए एनसीएलएटी ने सीसीआई की याचिका स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि 18 नवंबर 2024 के सीसीआई आदेश में निहित उपचारात्मक निर्देश व्हाट्सऐप उपयोगकर्ता डेटा के सभी गैर-व्हाट्सऐप उद्देश्यों—विज्ञापन एवं गैर-विज्ञापन पर लागू होंगे।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस आदेश पर अमल करने के लिए व्हाट्सऐप को जरूरी बदलाव लागू करने के लिए तीन महीने का समय भी दिया।

एनसीएलएटी ने चार नवंबर को व्हाट्सऐप को आंशिक राहत देते हुए सीसीआई के फैसले के उस हिस्से को निरस्त कर दिया था, जिसमें मेटा के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डेटा साझा करने पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, 213 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा गया और व्हाट्सऐप की 2021 की नीति को प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4(2)(ए)(आई) और 4(2)(सी) का उल्लंघन मानते हुए प्रभुत्व के दुरुपयोग की पुष्टि की गई थी।

सीसीआई ने नवंबर, 2024 में मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। मेटा और व्हाट्सऐप ने इस आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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