नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में हवाई अड्डों पर पायलट के स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं और प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए मौजूद ढांचे की समीक्षा कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह योजना इसी महीने श्रीनगर से उड़ान भरने के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजधानी में आपात चिकित्सा स्थिति के कारण एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट की मौत की पृष्ठभूमि में भी आई है।
एक सूत्र ने बताया कि विमान ने श्रीनगर से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी और दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद विमान के पायलट की तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि डीजीसीए पायलट के स्वास्थ्य, हवाई अड्डों पर चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और अन्य संबंधित पहलुओं का आकलन करने के लिए रूपरेखा की समीक्षा कर सकता है।
इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की समीक्षा नियामक द्वारा की जा सकती है।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है।
पिछले सप्ताह एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) ने कहा था कि पारदर्शी नियम लागू करने की तत्काल आवश्यकता है, जो पायलटों के लिए आराम, सुरक्षा और मानवीय ड्यूटी प्रक्रियाओं को प्राथमिकता देते हैं।
एएलपीए विभिन्न घरेलू एयरलाइन के लगभग 800 पायलट का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। यह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) का हिस्सा है।
संगठन ने कहा था कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट की असामयिक मृत्यु, पायलट कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और भारतीय विमानन उद्योग में कार्य स्थितियों के बारे में चिंताजनक प्रश्न उठाती है।
इस बीच, एयरलाइन कंपनियां एक जुलाई से चरणबद्ध तरीके से पायलट के लिए ड्यूटी और आराम के घंटों के संशोधित मानदंडों को लागू करने जा रही हैं, जिससे पायलट को अधिक आराम के घंटे मिलेंगे।
भाषा अनुराग अजय
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