एग्री गोल्ड पोंजी घोटाले में ईडी ने 4,109 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

एग्री गोल्ड पोंजी घोटाले में ईडी ने 4,109 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

एग्री गोल्ड पोंजी घोटाले में ईडी ने 4,109 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: December 24, 2020 3:24 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में विभिन्न राज्यों में 4,109 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

यह मामला एग्री गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़ा है। कंपनी के तीन प्रवर्तकों को केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने बयान में कहा, ‘‘कुर्क की गई संपत्तियों में 2,809 जमीनी संपत्तियां, आंध्र प्रदेश में 48 एकड़ में फैला हेलैंड एम्यूजमेंट पार्क, जो अरका लेजर एंड एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लि. के नाम है है, के अलावा विभिन्न कंपनियों के शेयर, संयंत्र और मशीनरी शामिल है।’’

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इन संपत्तियों को धनशोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी तौर पर कुर्क किया है। ये संपत्तियां आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना में हैं।

अभियुक्त ईडी के आदेश के खिलाफ पीएमएलए के न्याय निर्णय प्राधिकरण के समक्ष छह माह में अपील कर सकते हैं।

ईडी ने आरोपियों के खिलाफ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में दर्ज पुलिस प्राथमिकी के आधार पर जांच की है। इन लोगों पर 32 लाख निवेशकों से 6,380 करोड़ रुपये जुटाकर उनके साथ धोखाधड़ी का आरोप है।

इस मामले में मुख्य आरोपियों एग्रो गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रवर्तकों ‘अवा वेंकट रामा राव, अवा वेंकट एस नारायण राव और अवा हेमा सुंदर वारा प्रसाद को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

ईडी ने कहा कि पोंजी योजना के जरिये ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और छत्तीसगढ़ के निवेशकों को भी चूना लगाया गया है।

एजेंसी ने कहा कि इस घोटाले का सूत्रधार अवा वेंकट रामा राव है। उसने एग्री गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के जरिये यह घोटाला किया हैं पहले वह गोल्डन फॉरेक्स सीआईएस (सामूहिक निवेश योजना) में काम कर चुका है जहां उसने इस तरह की योजनाओं के बारे में समझा और बाद में पूरी योजना बनाकर यह घोटाला किया।

ईडी ने कहा कि रामा राव ने अपने सात भाइयों और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर 150 से ज्यादा कंपनियां बनाई और आम जनता से पैसा जुटाना शुरू किया। आरोपियों ने निवेशकों को उनके पैसे के बदले प्लॉट/कृषि भूमि या निकासी पर ऊंचा रिटर्न देने का प्रलोभन दिया।

आरोपियों ने हजारों की संख्या में कमीशन एजेंटों के जरिये लोगों को प्रलोभन दिया। इन लोगों ने कुल 32,02,628 निवेशकों से 6,380 करोड़ रुपये जुटाए।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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