Ambikapur News: बकरा खाने से पूरे गांव में हड़कंप, ग्रामीणों को सता रहा यह डर, सरपंच और उपसरपंच पर लगाए ये आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

Ambikapur News: बकरा खाने से पूरे गांव में हड़कंप, ग्रामीणों को सता रहा यह डर, सरपंच और उपसरपंच पर लगाए ये आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

Ambikapur News: बकरा खाने से पूरे गांव में हड़कंप, ग्रामीणों को सता रहा यह डर, सरपंच और उपसरपंच पर लगाए ये आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

Ambikapur News

Modified Date: December 30, 2025 / 05:36 pm IST
Published Date: December 30, 2025 5:14 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सरगुज़ा जिले में निकासी पूजा के दौरान रेबीज आशंका से हड़कंप
  • ग्रामीणों ने सरपंच-उपसरपंच पर आरोप लगाया कि संक्रमित बकरे का मांस खिलाया गया
  • पशु चिकित्सकों ने कहा पकाने से वायरस खत्म होता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी

अंबिकापुर: Ambikapur News छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा जिले से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां गांव में निकासी पूजा के दौरान रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए बकरे की बलि देकर उसका मांस ग्रामीणों को प्रसाद के रूप में खिलाया गया। बताया जा रहा है कि इस बकरे का मांस ग्रामीणों ने खाया है। घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहा है।

Ambikapur News दरअसल मामला सरगवा ग्राम पंचायत का है, जहां रविवार को गांव में निकासी पूजा का आयोजन किया गया। इस मौके पर करीब 17-18 बकरों की बलि दी गई और इसमे एक बकरा ऐसा था जिसे कुत्ते ने काटा था। फिर गांव में कुत्ते के काटने वाले बकरे को खाने की ख़बर जैसे ही फैली तो हर कोई रेबीज के संक्रमण से आशंकित होने लगें।

गांव वालों ने सरपंच व उपसरपंच पर जानबूझकर गांव के लोगों को कुत्ता काटा बकरा खिलाने का आरोप लगाया और अब गांव में कैम्प लगाकर उपचार करने की मांग भी की जा रही है। जब आईबीसी 24 ने इस बकरे की कहानी की पड़ताल की तो पता चला कि गांव में बकरे को कुछ माह पहले कुत्तें ने काटा था, मगर बकरे पर रेबीज के कोई रिएक्शन नही थे।

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इसके अलावा पशु चिकित्सक से भी बात की तो उन्होंने बताया कि जब मांस को पकाकर खाया जाता है तो संक्रमण का खतरा नहीं होता क्योंकि पकाने से रेबीज के वायरस खत्म हो जाते है। हालांकि पशु चिकत्सक आशंका की स्थिति में डॉक्टरों से सलाह लेने की सलाह जरूर दे रहे है। इधर गांव के उपसरपंच ने भी ग्रामीणों के विरोध के बाद डॉक्टरों से संपर्क किया और गाव में एक कैम्प लगाने की अपील की है।

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