ईडी ने ‘लोटस 300’ परियोजना के प्रवर्तकों की 23 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

ईडी ने ‘लोटस 300’ परियोजना के प्रवर्तकों की 23 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

ईडी ने ‘लोटस 300’ परियोजना के प्रवर्तकों की 23 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं
Modified Date: October 29, 2024 / 07:40 pm IST
Published Date: October 29, 2024 7:40 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने नोएडा में स्थित रियल एस्टेट परियोजना ‘लोटस 300’ के प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन आरोपों की जांच के क्रम में पंजाब में 23 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं।

इस आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले निवेशकों के साथ प्रवर्तकों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी की थी।

वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में मूनलाइट प्रॉपबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड और एल्को ग्लोबल वेंचर्स एलएलपी के नाम पर होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली (एसएएस नगर) जिलों में स्थित चार आवासीय भूखंड और एक कृषि भूमि शामिल हैं।

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प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, 23.13 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया था।

यह मामला नोएडा के सेक्टर-107 में स्थित लोटस 300 परियोजना से संबंधित है। इस परियोजना को 2010-11 में 67,941.45 वर्ग मीटर भूमि पर हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) के प्रवर्तकों ने शुरू किया था।

जांच एजेंसी ने कहा कि बिल्डर और खरीदारों के बीच समझौते किए गए थे लेकिन परियोजना की 236 करोड़ रुपये मूल्य की 27,941.45 वर्ग मीटर भूमि प्रतीक इन्फ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी गई। इसके अलावा 190 करोड़ रुपये एचपीपीएल समूह की कंपनी थ्री सी यूनिवर्सल डेवलपर्स को दे दिए गए।

ईडी ने दावा किया कि पैसों की हेराफेरी के कारण परियोजना के पास धन की कमी हो गई और इसका निर्माण अधूरा रह गया और कंपनी दिवालिया हो गई। इसका नुकसान नोएडा प्राधिकरण के साथ निवेशकों को भी उठाना पड़ा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर तथा दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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