नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) भारत ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अक्टूबर में समाप्त विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 1.6 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात किया। उद्योग निकाय एसईए ने यह जानकारी दी है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, विपणन वर्ष 2023-24 (नवंबर-अक्टूबर) में, भारत का खाद्य तेल आयात 1.32 लाख करोड़ रुपये मूल्य का 1.59.6 करोड़ टन रहा था।
उच्च वैश्विक कीमतों के कारण मूल्य के संदर्भ में खाद्य तेल आयात में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है जबकि सोयाबीन तेल अर्जेंटीना और ब्राजील से आता है।
एसोसिएशन ने कहा, ‘‘आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को पाटने के लिए, भारत 1990 के दशक से आयात का सहारा ले रहा है। शुरुआती दौर में आयात की मात्रा बहुत कम थी। हालांकि, पिछले 20 वर्षों (2004-05 से 2024-25) में आयात की मात्रा 2.2 गुना बढ़ गई है, जबकि आयात की लागत लगभग 15 गुना बढ़ी है।’’
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2024-25 में, भारत को 160 लाख टन (16 मिलियन टन) खाद्य तेलों के आयात पर लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये (18.3 अरब डॉलर) खर्च करने होंगे।
मात्रा के संदर्भ में, खाद्य तेलों का आयात विपणन वर्ष 2022-23 में एक करोड़ 64.7 लाख टन, विपणन वर्ष 2021-22 में एक करोड़ 40.3 लाख टन और विपणन वर्ष 2020-21 में एक करोड़ 31.3 लाख टन रहा।
एसईए के आंकड़ों के अनुसार, तेल विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान 17,37,228 टन रिफाइंड तेलों का आयात किया गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 19,31,254 टन था।
हालांकि, कच्चे खाद्य तेलों का आयात विपणन वर्ष 2023-24 में 1,40,31,317 टन से बढ़कर 1,42,73,520 टन हो गया।
सोयाबीन तेल के आयात ने विपणन वर्ष 2024-25 में 54.7 लाख टन का नया रिकॉर्ड बनाया। यह विपणन वर्ष 2015-16 के 42.3 लाख टन के पिछले उच्चतम स्तर को पार कर गया।
एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल का आयात 90 लाख टन से घटकर 75.8 लाख टन रह गया।
भाषा राजेश राजेश रमण
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