कोलकाता, 16 अप्रैल (भाषा) इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने बुधवार को आशंका जताई कि अमेरिका द्वारा लोहा एवं इस्पात तथा वाहन कलपुर्जों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क से इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र प्रभावित होगा। इससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में सालाना चार से पांच अरब डॉलर की गिरावट आ सकती है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने एक बयान में कहा कि व्यापार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात 116.67 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है, जो वर्ष 2023-24 में दर्ज 109.3 अरब डॉलर से उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
चड्ढा ने कहा, ‘‘अमेरिका द्वारा लोहा एवं इस्पात तथा वाहन कलपुर्जों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क से इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र प्रभावित होगा। इसके परिणामस्वरूप अमेरिका को होने वाले इंजीनियरिंग सामग्रियों में चार से पांच अरब डॉलर की गिरावट आ सकती है।’’
ईईपीसी ने कहा कि इसके अलावा, अन्य बाजारों में चीन से प्रतिस्पर्धा जोरदार तरीके से उभरेगी क्योंकि वे अमेरिकी बाजार को जोखिम मुक्त करने के उद्देश्य से अपने उत्पादों को वहां धकेलने की कोशिश करेंगे।
परिषद ने कहा कि लातिनी अमेरिका, मध्य अमेरिका, पश्चिम एशिया और अफ्रीका जैसे बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है क्योंकि निर्यातक नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
परिषद ने कहा, ‘‘इससे लाभ मार्जिन पर असर पड़ सकता है। राजकोषीय प्रोत्साहन और बाजार पहुंच में मदद के मामले में सरकार से समर्थन की जरूरत है।’’
ईईपीसी ने कहा कि वैश्विक व्यापार और आर्थिक परिदृश्य अस्थिर और अनिश्चित बना हुआ है। इसने कहा कि दुनिया बड़े पैमाने पर व्यवधान का सामना कर रही है।
पिछले वित्त वर्ष के मार्च में इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात का मूल्य सालाना आधार पर लगभग चार प्रतिशत घटकर 10.82 अरब डॉलर रह गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 11.27 अरब डॉलर था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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