यूरोपीय संघ की कार्बन कर प्रणाली के लिए मुस्तैदी जरूरीः रिपोर्ट

यूरोपीय संघ की कार्बन कर प्रणाली के लिए मुस्तैदी जरूरीः रिपोर्ट

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  • Publish Date - August 22, 2023 / 04:05 PM IST,
    Updated On - August 22, 2023 / 04:05 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) सरकार और निर्यातकों को यूरोपीय संघ (ईयू) में कार्बन कर प्रणाली लागू होने पर धातुओं एवं अन्य उत्पादों के निर्यात पर पड़ने वाले असर को रोकने के लिए उत्सर्जन आंकड़ों की निगरानी और हरित प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रोत्साहन देने की जल्द ही एक व्यवस्था बनानी होगी। एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में नौ स्तर की एक कार्ययोजना भी पेश की है। इसके मुताबिक, भारतीय कंपनियों के पास यूरोपीय संघ की कार्बन कर प्रणाली के अनुरूप खुद को ढालने के लिए 40 दिन से भी कम समय बचा है।

हालांकि, अधिक उत्सर्जन वाले उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाने वाली यह व्यवस्था एक जनवरी, 2026 से लागू होगी। लेकिन इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, एल्युमिनियम एवं हाइड्रोकार्बन समेत सात कार्बन-बहुल क्षेत्रों से जुड़ी घरेलू कंपनियों को आगामी एक अक्टूबर से ही अपने कार्बन उत्सर्जन के बारे में यूरोपीय संघ को आंकड़े देने होंगे।

जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘यह कर व्यवस्था जनवरी, 2026 से लागू होगी लेकिन कार्बन उत्सर्जन के बारे में आंकड़े साझा न करने पर एक अक्टूबर, 2023 से ही जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को निर्यातकों के साथ मिलकर इसके लिए भारतीय कंपनियों को मुस्तैद करना होगा और इसके लिए एक व्यवस्था बनानी होगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय