अमेरिका को महंगे बासमती चावल का करते हैं निर्यात, डंपिंग का सवाल ही नहींः वाणिज्य सचिव

अमेरिका को महंगे बासमती चावल का करते हैं निर्यात, डंपिंग का सवाल ही नहींः वाणिज्य सचिव

अमेरिका को महंगे बासमती चावल का करते हैं निर्यात, डंपिंग का सवाल ही नहींः वाणिज्य सचिव
Modified Date: December 15, 2025 / 08:23 pm IST
Published Date: December 15, 2025 8:23 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि भारत अमेरिका को मुख्य रूप से महंगे बासमती चावल का निर्यात करता है लिहाजा भारतीय चावल की अमेरिकी बाजार में डंपिंग करने का कोई मामला ही नहीं बनता है।

अग्रवाल ने नवंबर महीने के व्यापार आंकड़ों पर संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि भारतीय चावल पर अमेरिका में पहले से ही 50 प्रतिशत सीमा शुल्क लागू हैं।

अग्रवाल ने कहा, “हम मुख्य रूप से अमेरिका को बासमती चावल का निर्यात करते हैं, जो एक जीआई (भौगोलिक संकेतक) उत्पाद है। हमारे कुल निर्यात का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बासमती चावल का है। गैर-बासमती सफेद चावल का हमारा निर्यात बहुत कम है।”

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में हमारे बासमती चावल की कीमतें सामान्य निर्यात कीमतों से कहीं अधिक हैं, लिहाजा डंपिंग का प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।’

डंपिंग का मतलब किसी देश द्वारा अपने उत्पाद को विदेशी बाजार में उसकी वास्तविक लागत या घरेलू कीमत से कम दर पर बेचने से है। ऐसा होने से स्थानीय उद्योग को नुकसान पहुंच सकता है।

अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की ओर से भारतीय चावल के खिलाफ अब तक कोई डंपिंग जांच शुरू नहीं की गई है।

दिसंबर की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल ‘डंप’ नहीं करना चाहिए और अगर जरूरत पड़ी तो इस ‘समस्या’ का समाधान शुल्क के जरिये किया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय चावल पर और अधिक शुल्क लगाने के संकेत भी दिए थे।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


लेखक के बारे में