नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ई-कॉमर्स कंपनियों को ऐसे गैर-डेयरी और ‘पौधों से बनने वाले पेय पदार्थ’ को अपने मंच से हटाने का निर्देश दिया है जिन्हें ‘डेयरी’ उत्पाद के लेबल के साथ बेचा जा रहा है।
एफएसएसएआई ने राज्यों को पौधों से बनने वाले पेय और खाद्य उत्पादों के लिए डेयरी लेबल के इस्तेमाल की जांच का भी निर्देश दिया है।
नियामक ने कहा, ‘‘चूंकि ई-कॉमर्स खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) द्वारा काफी उत्पाद बेचे जाते हैं, ऐसे में सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे उत्पादों को अपने मंच से हटाएं जिन्हें डेयरी उत्पाद के नाम से बेचा जा रहा है। यह डेयरी उत्पाद से संबंधित नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन है।’
एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इस तरह के उत्पाद की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एफएसएसएआई ने राज्यों के खाद्य सुरक्षा विभागों को निर्देश दिया है कि वे एफबीओ द्वारा बेचे जाने वाले ऐसे गैर-डेयरी और पौधों से बनने वाले पेय पदार्थों की पहचान और जांच करें जिनकी बिक्री डेयरी शब्दावली का उल्लंघन कर की जा रही है।
नियामक ने कहा है कि यदि एफबीओ द्वारा उत्पाद लेबल का उल्लंघन कर कोई सामान बेचा जा रहा है, तो उन्हें इसमें संशोधन के लिए 15 दिन का समय मिलेगा।
एफएसएसएआई ने कहा कि इन कदमों से खाद्य एवं सुरक्षा अधिनियम-2005 का उल्लंघन करने वाले एफबीओ के खिलाफ उचित प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।
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