सरकार ने जमरानी बांध को पीएमकेएसवाई-एआईबीपी में शामिल करने की मंजूरी दी

सरकार ने जमरानी बांध को पीएमकेएसवाई-एआईबीपी में शामिल करने की मंजूरी दी

सरकार ने जमरानी बांध को पीएमकेएसवाई-एआईबीपी में शामिल करने की मंजूरी दी
Modified Date: October 25, 2023 / 04:09 pm IST
Published Date: October 25, 2023 4:09 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी। इसपर 2,584 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा, जो 1981 में पूरा हुआ था।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ₹2,584.10 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना को मार्च, 2028 तक पूरा करने के लिए उत्तराखंड को ₹1,557.18 करोड़ की केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी गई है।

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आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है।

दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं।

इसके अलावा, इस परियोजना में 14 मेगावाट के पन बिजली उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 4.27 करोड़ क्यूबिक मीटर पेयजल के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेत पर पानी की पहुंच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना, स्थायी जल संरक्षण पद्धितियों को लागू करना आदि है।

भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को 93,068.56 करोड़ रुपये (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी ।

पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत अबतक 53 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं तथा 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है।

सत्र 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी घटक के अंतर्गत अबतक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एआईबीपी के अंतर्गत शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।

भाषा अनुराग अजय

अजय


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