सरकार को नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण के लिये कई रूचि पत्र मिले

सरकार को नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण के लिये कई रूचि पत्र मिले

सरकार को नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण के लिये कई रूचि पत्र मिले
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: March 29, 2021 1:07 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने सोमवार को कहा कि सरकार को नीलांचल इस्पात निगम लि. (एनआईएनएल) के निजीकरण को लेकर कई बोलीदाताओं से रूचि पत्र मिले हैं।

दीपम ने एनआईएनएल में रणनीतिक बिक्री को लेकर जनवरी में प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की थी।

पांडे ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘नीलांचल इस्पात निगम लि. के निजीकरण के लिये कई रूचि पत्र मिले हैं।’’

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उन्होंने कहा कि प्रक्रिया अब दूसरे चरण में आ गयी है।

एनआईएनएल, एमएमटीसी, एनएमडीसी, भेल, मेकॉन और ओड़िशा सरकार के दो उपक्रमों की संयुक्त उद्यम है।

पिछले साल जनवरी में मंत्रिमंडल ने एनआईएनल में एमएमटीसी (49.78 प्रतिशत), एनएमडीसी (10.10 प्रतिशत), मेकॉन (0.68 प्रतिशत), भेल (0.68 प्रतिशत), आईपीआईसीओएल (12 प्रतिशत) और ओएमसी (20.47 प्रतिशत) के इक्विटी शेयर के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी।

एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल और पोत परिवहन निगम के निजीकरण की प्रक्रिया भी दूसरे चरण में पहुंच गयी है। इन कंपनियों के निजीकरण के लिये सरकार को कई रूचि पत्र मिले हैं।

सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। संशोधित अनुमान में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 32,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है

चालू वित्त वर्ष में सरकार अबतक केंद्रीय लोक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी और शेयर पुनर्खरीद के जरिये 32,835 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।

भाषा रमण मनोहर

मनोहर


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