दिल्ली- मेरठ के बीच त्वरित परिवहन प्रणाली के लिये सरकार, एडीबी के बीच 50 करोड़ डालर रिण का समझौता

दिल्ली- मेरठ के बीच त्वरित परिवहन प्रणाली के लिये सरकार, एडीबी के बीच 50 करोड़ डालर रिण का समझौता

दिल्ली- मेरठ के बीच त्वरित परिवहन प्रणाली के लिये सरकार, एडीबी के बीच 50 करोड़ डालर रिण का समझौता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: September 8, 2020 2:48 pm IST

नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) सरकार ने दिल्ली- मेरठ के बीच क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) के वित्तपोषण के लिये एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के साथ 50 करोड़ डालर के रिण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एडीबी की जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘एशियाई विकास बैंक और भारत सरकार ने आज 50 करोड़ डालर के रिण समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह एडीबी की ओर से दी जाने वाली एक अरब डालर की रिण सुविधा की पहली किस्त है। यह कर्ज भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संपर्क और आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाने के लिये है। इसके तहत दिल्ली- मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की तीव्र गति का आधुनिक क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) गलियारा बनाया जायेगा।’’

दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस निवेश परियोजना के रिण समझौते पर आर्थिक मामले विभाग में अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे और एडीबी के भारत निवास मिशन के निदेशक केनीची योकोयामा ने हस्ताक्षर किये। रिण की यह पहली किस्त दिल्ली से उसके पड़ौसी राज्यों के बीच बनने वाले तीन प्राथमिक रेल गलियारों में से पहले गलियारे के लिये उपलब्ध कराई गई है। यह योजना एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत बनाई गई है।

 ⁠

खरे ने समझाते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, ‘‘इस परियोजना से दिल्ली एनसीआर के दूसरे शहरों को भी आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित होने और बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी। दूसरी तरफ इससे दिल्ली पर लगातार केन्द्रित दबाव में भी कमी आयेगी।’’

गलियारे को तीव्र गति परिवहन के मुताबिक 180 कीलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार क्षमता वाला बनाया जायेगा जिसमें 5 से 10 मिनट में रेल उपलब्ध होगी। यह गलियारा दिल्ली के सराय काले खां से लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मोदीपुरम तक बनाया जायेगा। इससे यात्रा का समय मौजूदा तीन- चार घंटे से कम होकर एक घंटा रह जायेगा।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


लेखक के बारे में